जयपुर. कोरोना संक्रमण काल में प्रदेश में वैक्सीनेशन (Vaccination) को लेकर सियासत (Politics) चरम पर आई हुई है. इस बीच आज राजस्थान में 18-44 वर्ष आयु वर्ग के लोगों को लगाने के लिये वैक्सीन खत्म हो चुकी है. राज्य सरकार के पास 45 वर्ष से अधिक आयु वालों के लगाने के लिये ढाई लाख डोज बची है. इसके चलते आज केवल 45 से अधिक उम्र वालों को ही वैक्सीन लगाई जा रही है.

वैक्सीनेशन को लेकर चल रही जद्दोजहद के बीच प्रदेश की गहलोत सरकार वैक्सीन खरीद के लिए दो कंपनियों को 59 करोड़ रुपये का एडवांस भुगतान कर चुकी है. इनमें सीरम इंसटीट्यूट को 47 करोड़ और भारत बायोटेक को 12 करोड एडवांस दिए गये हैं. राजस्थान सरकार का कहना है कि एडवांस पेमेंट के बावजूद वैक्सीन की डोज नहीं मिल पा रही है.

शुरुआत से ही राजनीति गरमायी हुई है

उल्लेखनीय है कोरोना वैक्सीन को लेकर प्रदेश में शुरुआत से ही राजनीति गरमायी हुई है. राज्य सरकार लगातार केन्द्र सरकार पर आरोप लगाती रही है कि उसे आवश्यकता के अनुसार वैक्सीन की सप्लाई नहीं की जा रही है. इसके कारण प्रदेश में वैक्सीनेशन अभियान गति नहीं पकड़ रहा है. बार-बार वैक्सीन के अभाव में कभी कहीं तो कभी कहीं वैक्सीनेशन कार्यक्रम को रोकना पड़ता है.


सरकार ने हाल ही में ग्लोबल टेंडर भी किये थे

पिछले दिनों 18 से 44 वर्ष के आयु वर्ग के लोगों का निशुल्क टीकाकरण कराने से केन्द्र सरकार ने मना कर दिया था. उसके बाद राज्य सरकारों ने इसकी जिम्मेदारी ली है. प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार को इस आयु वर्ग का निशुल्क टीकाकरण कराने के लिये करीब तीन हजार करोड़ रुपये खर्च करने होगे. राज्य सरकार ने वैक्सीन विदेशों से मंगवाने के लिये हाल ही में ग्लोबल टेंडर भी किये थे.