भारत में ई-स्पोर्ट्स उद्योग को उस समय एक बड़ी पहचान मिली जब खेलो इंडिया यूथ गेम्स (KIYG) के सातवें संस्करण के लिए इसे एक डेमो गेम के रूप में शामिल किया गया. इस ऐतिहासिक आयोजन की मेज़बानी करते हुए बिहार ने विभिन्न इवेंट्स में शीर्ष-3 में स्थान हासिल किए, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि राज्य ई-स्पोर्ट्स के तेजी से बढ़ते क्षेत्र में एक प्रमुख शक्ति के रूप में उभर रहा है.

इस डेमो गेम में कुल आठ राज्यों ने भाग लिया, जिसमें बीजीएमआई, शतरंज, स्ट्रीट फाइटर 6 और ई-फुटबॉल जैसे खेल शामिल थे. यह आयोजन भारत में ई-स्पोर्ट्स को पारंपरिक खेलों के समान दर्जा दिए जाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम था.

सभी कैटेगरीज में बीजीएमआई ने एक बार फिर भारत के सबसे लोकप्रिय ई-स्पोर्ट्स का स्थान बनाए रखा. कुल 16 टीमों — प्रत्येक राज्य से दो — ने इस प्रतिस्पर्धा में भाग लिया. बिहार की ए और बी टीमों ने पहला और तीसरा स्थान हासिल किया, जबकि तमिलनाडु की ए टीम ने दूसरे स्थान पर रहते हुए उनके बीच जगह बनाई.

ई-फुटबॉल कंसोल श्रेणी में तमिलनाडु के अर्णव राजीव पारिख विजेता बने, जबकि बिहार के तनव राज दूसरे स्थान पर और महाराष्ट्र के रोनित सागर सतम तीसरे स्थान पर रहे. शतरंज में भी बिहार के खिलाड़ियों का दबदबा रहा, जिसमें रुपेश बी रामचंद्र और अमृत रौनक ने क्रमश: पहला और दूसरा स्थान प्राप्त किया, जबकि महाराष्ट्र के मोहित कमलेश थानवी तीसरे स्थान पर रहे.

स्ट्रीट फाइटर 6 में तेलंगाना के मंडलापु श्रीजेश ने पहला स्थान हासिल किया. दूसरे स्थान पर महाराष्ट्र के पार्थ स्वप्निल पवार रहे, जबकि बिहार के रोहित कुमार ने तीसरे स्थान पर रहते हुए राज्य को एक और पदक दिलाया.

ई-फुटबॉल मोबाइल श्रेणी का फाइनल नागालैंड के लैमगूहाओ किपगेन और अरुणाचल प्रदेश के जिपिन गोंगो के बीच खेला गया. महाराष्ट्र के पार्थ वरेकर ने तीसरा स्थान हासिल किया.

इस आयोजन को राज्य सरकार और भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) का समर्थन प्राप्त था. फेडरेशन ऑफ इलेक्ट्रॉनिक स्पोर्ट्स एसोसिएशन्स ऑफ इंडिया (FEAI) ने इस आयोजन की रूपरेखा तैयार की, जिसकी योग्यता प्रतियोगिता 25 अप्रैल को राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित की गई थी.

इस संयुक्त प्रयास की सराहना करते हुए एफईएआई के संस्थापक वैभव डांगे ने कहा, यह एक शानदार पहल है, और मैं भारतीय खेल प्राधिकरण, बिहार सरकार, उनके खेल विभाग और पूरी टीम का धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने ई-स्पोर्ट्स को खेलो इंडिया अभियान का हिस्सा बनाया, जिसे एफईएआई पिछले कुछ वर्षों से सफलतापूर्वक आगे बढ़ा रहा है.

उन्होंने आगे कहा, खेलो इंडिया पहल ने भारत में प्रतिस्पर्धी खेलों को स्कूल और कॉलेज स्तर तक पहुंचाया है. यह न केवल युवाओं की क्षमता को निखारता है, बल्कि प्रतिभा को पहचानने का एक बेहतरीन मंच भी है. ऐसे में ई-स्पोर्ट्स को इसमें शामिल किया जाना एक बेहद स्वागत योग्य कदम है.

इसे लेकर आगे की दिशा औऱ दशा पर बात करते हुए एफईएआई के सह-संस्थापक अभिषेक इस्सर ने कहा, 2027 में प्रस्तावित ई-स्पोर्ट्स वर्ल्ड कप के मद्देनज़र, केआईवीजी मंच हमारे लिए नई प्रतिभाओं की पहचान करने और उन्हें वैश्विक प्रतियोगिता के लिए तैयार करने में मदद कर सकता है.