
जबलपुर: आईटी यूनिट स्थापित करने के लिए शासन ने जबलपुर बरगी हिल्स स्थित आईटी पार्क में प्रदान की थी. मध्य प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक विकास निगम ने आवंटित प्लॉट में यूनिट संचालित नहीं किये जाने के कारण जमीन की लीज को निरस्त कर दिया था. जमीन की लीज निरस्त किये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैथ और जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ ने यथास्थिति के आदेश जारी करते हुए अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. याचिका पर अगली सुनवाई 6 सप्ताह बाद निर्धारित की गई है.
सरकार ने आईटी कंपनियों को बढ़ावा देने शुरू की थी योजना
याचिकाकर्ता मेसर्स टीडीएस कार्पोरेशन की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि "प्रदेश सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा वर्ष 2016 में आईटी कंपनियों को बढ़ावा देने एवं आईटी क्षेत्र में रोजगार के अवसर को बढ़ाने के लिए मध्य प्रदेश आईटी, आईटीईएस और ईएसडीएम निवेश प्रोत्साहन नीति और योजना 2016 प्रारंभ की थी. इस योजना के अंतर्गत जबलपुर में बरगी हिल्स को आईटी पार्क के रूप में चिह्नित किया गया था."
मध्य प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक विकास निगम ने आवंटित किया प्लॉट
याचिकाकर्ता ने वर्ष 2019 में आईटी यूनिट संचालन के लिए भूमि आवंटित करने आवेदन किया था. मध्य प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक विकास निगम ने आवेदक को प्लॉट क्रमांक 1 आवंटित किया है. याचिकाकर्ता ने कठिन प्रयासों से पथरीले प्लॉट में कार्य प्रारंभ कर उसे समतल किया. कार्य के दौरान नजदीकी प्लॉट मालिक से सीमा संबंधी विवाद होने के कारण याचिकाकर्ता को सिविल न्यायालय की शरण लेनी पड़ी थी. यह प्रकरण सिविल न्यायालय में लंबित है.
यूनिट संचालित नहीं होने पर निरस्त की जमीन की लीज
याचिकाकर्ता की तरफ से प्रस्तुत तर्कों पर विचार किये बिना ही मध्य प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक विकास निगम ने आवंटित प्लॉट में यूनिट संचालित नहीं किये जाने के कारण जमीन की लीज को निरस्त कर दिया. जिसके खिलाफ यह याचिका दायर की गई है. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की तरफ से तर्क दिया गया कि "सिविल न्यायालय में जमीन का सीमा संबंधित विवाद का मामला लंबित है. जिसके कारण पूरा प्रोजेक्ट रूका हुआ है."
हाईकोर्ट ने यथास्थिति के दिए आदेश, अनावेदकों को नोटिस
याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैथ और जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ ने "यथास्थिति के आदेश जारी करते हुए अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है." याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता पंकज दुबे और अधिवक्ता अक्षय खंडेलवाल ने पैरवी की.