भोपाल, 29 अप्रैल 2025। सिविल सर्विसेस परीक्षा 2024 (यूपीएससी) के हाल ही में घोषित परिणाम में मध्यप्रदेश पुलिस परिवार के बच्चों ने सफलता अर्जित की है। छतरपुर जिले में पदस्थ प्रधान आरक्षक श्री उमाशंकर मिश्रा के पुत्र आशुतोष मिश्रा (AIR 198) ग्वालियर में पदस्थ सउनि श्री नरेश रघुवंशी के पुत्र आशीष रघुवंशी (AIR 202), जबलपुर में पदस्थ आरक्षक श्री सतीश तिवारी की पुत्री शिवानी तिवारी (AIR 294), नर्मदापुरम में पदस्थ प्र.आर. श्री जगदीश सिंह राजपूत के पुत्र तनिश सिंह राजपूत (AIR 611)  और टीकमगढ़ में एएसआई के पद पर पदस्थ श्री राजेश कौशल के पुत्र सिद्धार्थ कौशल (AIR 749) का यूपीएससी में चयन हुआ है। उनकी इस उपलब्धि पर मंगलवार को डीजीपी श्री कैलाश मकवाणा ने सभी को सम्मानित किया। इस मौके पर अतिरिक्त  पुलिस महानिदेशक श्री अनिल कुमार, पीएसओ टू डीजीपी श्री विनीत कपूर, एसओ टू डीजीपी श्री मलय जैन, सहायक पुलिस महाटनिरीक्षक श्रीमती अंशुमान सिंह, आशुतोष मिश्रा के पिता प्रधान आरक्षक श्री उमाशंकर मिश्रा, आशीष रघुवंशी के पिता सउनि श्री नरेश रघुवंशी, शिवानी तिवारी के पिता आरक्षक श्री सतीश तिवारी, तनिश सिंह राजपूत के पिता प्रधान आरक्षक श्री जगदीश सिंह राजपूत तथा सिद्धार्थ कौशल के पिता सउनि श्री राजेश कौशल एवं दिशा लर्निंग सेंटर से जुड़े समस्ततछात्र-छात्राएं व पुलिस परिवार सदस्य ऑनलाईन उपस्थित थे। इस अवसर पर डीजीपी श्री मकवाणा ने कहा कि गंभीरता, व्यवसायिक दक्षता, कठोर परिश्रम, ईमानदारी, संतुलित आचरण तथा सद्व्यवहार से ही आप आदर्श अधिकारी साबित होंगे। उन्होंने कहा कि सेवा में आने के बाद आप हर कार्य को गंभीरता से करें। कई चीजें होंगी, जो आपको प्रलोभित करेंगी, लेकिन मन में भटकाव की स्थिति न लाएं।  

डीजीपी श्री मकवाणा ने कहा कि यह पुलिस परिवार के लिए गौरवान्वित करने वाला क्षण है। पुलिस परिवार की बेटियों ने सीमित सुविधाओं के बावजूद अपने कठिन परिश्रम और लगन से सिविल सर्विसेस में चयनित होकर प्रदेश का नाम रोशन किया है। हमारे अन्य पुलिस कर्मियों और उनके बच्चों को इनसे प्रेरणा लेनी चाहिए। विपरीत परिस्थियों और चुनौतियों के साथ-साथ हमारे पुलिस जवानों ने परिवार को दिशा दी। देशभक्ति-जनसेवा के ध्येय वाक्य को सार्थक करते हुए आपने पारिवारिक दायित्व को भी बखूबी निभाया है। इस अवसर पर दिशा लर्निंग सेटर से जुड़े छात्र-छात्राओं ने चयनित अभ्यर्थियों से विभिन्न प्रश्न और समस्याएं भी पूछी, जिनका उन्होंने उचित समाधान बताया। उन्होंने बताया कि तैयारी के दौरान आप किस दिशा में तैयारी कर रहें व हमें क्या समस्या आ रही है और हम किस प्रकार से अपनी कमजोरी को पहचान कर समय रहते निदान कर सकते हैं, यह जानना हमारे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, और यह हमें निरंतर मार्गदर्शन और तैयारी व टेस्ट देने से ही पता चलेगा। प्रतियोगी परिक्षाओं मे एक-एक अंक का महत्व होता है। अगर इस समस्या को दूर कर लिया तो सफलता प्राप्त करने के अवसर बढ जाते हैं।