करवाचौथ का श्रृंगार बिना मेहंदी के अधूरा है। हाथों से उठती मेहंदी की महक दांपत्य की मिठास को और सुगंधित कर देती है। एक समय था जब घर पर मेहंदी की पत्तियों को पीस कर माचिस की तीली या किसी पतली डंडी से हाथों पर सजाया जाता था। समय के साथ-साथ मेहंदी के डिजाइनों में क्रिएटिविटी बढ़ती गई और आज आधुनिकता का ऐसा रंग इस पर चढ़ा है कि हाथों व पैरों के अलावा इसके डिजाइन आभूषणों के स्थान पर इस्तेमाल किये जाने लगे हैं।

एक्सप‌र्ट्स के अनुसार इस बार करवाचौथ के मौके पर मेहंदी के डिजाइनों में जूइॅल्ड मेहंदी की खूब धूम है। इसे महिलाएं और किशोरियां हाथों व पैरों के अलावा टैटू की ही तरह पीठ, कंधे, गले और बाजू के ऊपरी भाग पर बनवाती हैं। इसे बनाने के लिए अरेबिक मेहंदी का इस्तेमाल ज्यादा किया जा रहा है। इसी में ग्लिटर, जूइॅल्ड स्टोन्स व स्टड्स भी चिपकाए जाते हैं, ताकि मेहंदी की शोभा में चार चांद लग सकें। इन इनोवेटिव डिजाइंस को जूइॅल्रि की तरह ही बनाया जाता है, ताकि इसके बाद बाजूबंद, बड़े हार, हथफूल आदि आभूषणों की जरूरत ही महसूस न हो।

तो सोच क्या रही हैं.. मौका भी है और दस्तूर भी है.. क्यों न इस बार कुछ अलग व क्रिएटिव करके अपनी सखियों में खास दिखें और अपने उनको भी चौंका दें।