नई दिल्ली। बंगाल की खाड़ी में बना चक्रवाती तूफान हुदहुद कुछ घंटों के बाद विशाखापत्तनम के तट से टकराने वाला है। फिलहाल इसकी दूरी आंध्र प्रदेश के तट से साठ किमी. से भी कम रह गई है। इसके आगे बढ़ने की रफ्तार कम होने के चलते इससे होने वाला नुकसान अधिक हो सकता है। अनुमान लगाया जा रहा है कि यह तूफान दोपहर एक बजे तक तट पर पहुंच जाएगा। फिलहाल यहां पर हवाओं की रफ्तार 170 किमी. प्रति घंटा तक पहुंच गई है। इसके अभी और बढ़ने की संभावना है।

मौसम विभाग के निदेशक एम महापात्रा के मुताबिक अभी इसके प्रभाव से करीब सौ किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल रही हैं। लेकिन जब यह विशाखापत्तनम के तट से टकराएगा तो हवाओं की रफ्तार करीब डेढ सौ किमी. की होगी। इस हवा में बड़े से बडे धराशायी हो जाएंगे और छोटे मकानों को यह हवा उड़ाकर ले जाएगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उच्चस्तरीय बैठक करके बचाव और राहत की तैयारियों का जायजा लिया। पीएम ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह को प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से संपर्क बनाए रखने की जिम्मेदारी दी गई है जिससे जरूरत पर तत्काल अपेक्षित सहायता दी जा सके। गृह मंत्रालय में इस तूफान को देखते हुए कंट्रोल रूम बनाया गया है।

मौसम विभाग के मुताबिक तूफान की वजह से समुद्र में करीब 14 मीटर ऊंची लहर उठ सकती हैं। इसका सबसे ज्यादा प्रकोप विशाखापत्तनम में ही दिखाई भी देगा। इसके लिए सरकार ने व्यापक इंतजाम किए हैं। तूफान आने से पहले आंध्र प्रदेश के पांच जिलों से डेढ़ लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। जबकि ओडिशा में करीब चार लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। राहत काम में लगने के लिए 199 बोट और छह एयरक्राफ्ट पूरी तरह से तैयार हैं। इसके अलावा 15 सैटेलाइट फोन और 16 गोताखोरों की टीमों को भी पूरी तरह से मुस्तैद कर दिया गया है। तूफान से पहले शनिवार को पूरी रात कई तटीय इलाकों में तेज बारिश हुई है। राहत कार्य के लिए 689 टीमें बनाई गई हैं। सभी टीम में चालीस से पचास तक राहत कर्मी शामिल है।

आंध्र प्रदेश और ओडिशा में इस तूफान से खासा नुकसान हो सकता है। ओडिशा के बालासोर, गोपालपुर समेत कुछ अन्य तटीय इलाकों में यह तूफान कहर बरपा सकता है। वहीं आंध्र के विशाखापत्तनम, श्रीकाकुलम समेत ईस्ट गोदावारी वेस्ट गोदावरी में भी यह भयानक होगा। विशाखापतनम के कई इलाकों में बिजली गुल हो गई है।