अहमदाबाद: गुजरात के अहमदाबाद में कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की दो दिवसीय बैठक चल रही है। बैठक में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद हैं। पहले दिन मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर तीखा हमला बोला और आरोप लगाया कि पिछले कई वर्षों से कई राष्ट्रीय नायकों को लेकर एक सुनियोजित साजिश चल रही है। उन्होंने यहां पार्टी की विस्तारित कार्यसमिति की बैठक में यह भी कहा कि सरदार पटेल की विचारधारा आरएसएस के विचारों के विपरीत थी और यह हास्यास्पद है कि आज इस संगठन के लोग सरदार पटेल की विरासत का दावा करते हैं।
देश के बुनियादी मुद्दों से ध्यान भटकाया जा रहा है- खड़गे
खड़गे ने यह भी दावा किया कि आज सांप्रदायिक विभाजन के जरिए देश के बुनियादी मुद्दों से ध्यान भटकाया जा रहा है और सामंती एकाधिकार संसाधनों पर कब्जा करके शासन को नियंत्रित करने की राह पर हैं। संगठन की मजबूती पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए यह जरूरी है। कार्यसमिति की बैठक यहां सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय स्मारक पर हुई।
पार्टी अधिवेशन से एक दिन पहले उन्होंने कहा, "इस साल महात्मा गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने की शताब्दी है। दिसंबर 1924 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी मेरे गृह राज्य कर्नाटक के बेलगावी कांग्रेस अधिवेशन में अध्यक्ष बने थे। हमने 26 दिसंबर को कर्नाटक में यह शताब्दी मनाई।" उन्होंने कहा कि गुजरात की धरती पर जन्मे तीन महान व्यक्तित्व - दादाभाई नौरोजी, महात्मा गांधी और सरदार वल्लभभाई पटेल - कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष थे। उन्होंने कहा, "गांधीजी ने हमें अन्याय के खिलाफ सत्य और अहिंसा का हथियार दिया। यह इतना मजबूत वैचारिक हथियार है कि कोई भी ताकत इसके सामने टिक नहीं सकती।"
कांग्रेस पटेल की 150वीं जयंती मनाएगी
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "इस साल 31 अक्टूबर को सरदार पटेल की 150वीं जयंती है। जवाहरलाल नेहरू उन्हें "भारत की एकता का संस्थापक" कहते थे।" हम उनकी 150वीं जयंती पूरे देश में बड़े उत्साह के साथ मनाएंगे।'' उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले कई वर्षों से कई राष्ट्रीय नायकों के खिलाफ एक सुनियोजित साजिश की जा रही है। खड़गे ने कहा कि देश में 140 वर्षों से सेवा और संघर्ष का गौरवशाली इतिहास रखने वाली कांग्रेस पार्टी के खिलाफ माहौल बनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा, ''यह काम वे लोग कर रहे हैं जिनके पास अपनी उपलब्धि के तौर पर दिखाने के लिए कुछ नहीं है। उनके पास स्वतंत्रता संग्राम में अपना योगदान बताने के लिए कुछ नहीं है।'' उन्होंने भाजपा और आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा, ''वे सरदार पटेल और पंडित नेहरू के बीच के संबंधों को इस तरह दिखाने की साजिश करते हैं जैसे दोनों नायक एक-दूसरे के विरोधी थे। जबकि सच्चाई यह है कि वे एक ही सिक्के के दो पहलू थे। कई घटनाएं और दस्तावेज उनके सौहार्दपूर्ण संबंधों के गवाह हैं।'' उन्होंने कहा, "आप इसी से समझ सकते हैं कि सरदार नेहरू जी को कितना प्यार करते थे।
14 अक्टूबर 1949 को सरदार पटेल ने कहा था कि पिछले दो कठिन वर्षों में नेहरू जी ने देश के लिए जो अथक प्रयास किए हैं, उसे मुझसे बेहतर कोई नहीं जानता। इस दौरान मैंने उन्हें भारी जिम्मेदारी के बोझ के कारण बहुत तेजी से बूढ़ा होते देखा है।" उन्होंने कहा, "साथियों, सरदार पटेल की विचारधारा आरएसएस के विचारों के विपरीत थी। उन्होंने आरएसएस पर प्रतिबंध भी लगा दिया था। लेकिन यह हास्यास्पद है कि आज उस संगठन के लोग सरदार पटेल की विरासत का दावा करते हैं।"