अहमदाबाद | गुजरात में कोरोना से स्वस्थ हुए मरीज अब म्युकोरमाइकोसिस जैसे गंभीर रोग की चपेट में आ रहे हैं| अहमदाबाद समेत राज्य के कई शहरों में म्युकोरमाइकोसिस के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है| इसके बावजूद राज्य सरकार द्वारा इस रोग को खतरनाक बीमारी घोषित नहीं करने पर गुजरात कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं| गुजरात कांग्रेस प्रवक्ता मनीष दोशी ने कहा कि गुजरातभर में म्युकोरमाइकोसिस के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है और सरकार उदासीन है| अन्य राज्यों ने म्युकोरमाइकोसिस के बढने पर इसे महामारी घोषित कर दिया है| राजस्थान, हरियाणा और महाराष्ट्र ने म्युकोरमाइकोसिस को महामारी घोषित कर दिया है| लेकिन गुजरात सरकार अब तक इसे खतरनाक बीमारी घोषित नहीं किया| इतना ही नहीं इस रोग के उपचार में काम आनेवाले एम्फोटेरिसिन इंजेक्शन की खरीदी के लिए आज टैंडर जारी किया है| अन्य राज्यों को मार्गदर्शन देनेवाली गुजरात सरकार आज इंजेक्शन के लिए टैंडर जारी कर रही है| उन्होंने कहा कि कोरोना की पहली लहर के बाद दूसरी लहर में लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा| दूसरी लहर में मृतांक बढ़ने के बावजूद गुजरात सरकार है कि सुधरने का नाम नहीं ले रही| मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के गृहनगर राजकोट में बड़े पैमाने पर म्युकोरमाइकोसिस के बड़े पैमाने पर केस सामने आए हैं| दोशी ने सवाल उठाया कि टैंडर जारी करने के बजाए सरकार सीधे इंजेक्शनों की खरीदी क्यों नहीं करती? आज हालत यह है कि मरीजों को इंजेक्शन नहीं मिल रहे| राज्य सरकार ने मरीजों को रामभरोसे छोड़ दिया है| कांग्रेस ने यह आरोप लगाया कि सरकार की अनुकंपा से कोरोना की दूसरी लहर के दौरान रेमडेसिवीर इंजेक्शनों की कालाबाजारी, नकली इंजेक्शन, ऑक्सीजन, वेन्टीलेटर बेड और अस्पतालों ने मरीजों को लूटने में कोई कसर नहीं छोड़ी|