लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन पर कांग्रेस पर निशाना साधा। वहीं कांग्रेस की तरफ से पीएम मोदी पर पलटवार किया गया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी और जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री पर हमला बोला है। राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह जो आक्रमण संविधान पर कर रहे हैं, वो हमारे लिए स्वीकार्य नहीं है। वहीं मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि , संविधान को बचाने के लिए हमने जो कोशिश की थी उसमें जनता हमारे साथ है। लेकिन मोदी जी ने संविधान को तोड़ने की कोशिश की। जबकि कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि पीएम के पास बोलने के लिए कुछ भी नया नहीं था और हमेशा की तरह उन्होंने अपने संबोधन मुद्दों को भटकाने का प्रयास किया है। रायबरेली से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह जो आक्रमण संविधान पर कर रहे हैं, वो हमारे लिए स्वीकार्य नहीं है और वो हम नहीं होने देंगे इसलिए हमने शपथ लेते समय संविधान पकड़ा था...हिंदुस्तान के संविधान को कोई शक्ति नहीं छू सकती..."। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, संविधान को बचाने के लिए हमने जो कोशिश की थी उसमें जनता हमारे साथ है। लेकिन मोदी जी ने संविधान को तोड़ने की कोशिश की। इसलिए आज हम यहां एकत्रित होकर उसका विरोध कर रहे हैं। यहां पर गांधी जी की प्रतिमा थी और हम यहीं पर विरोध कर रहे हैं... हर लोकतांत्रिक नियमों को तोड़ा जा रहा है इसलिए हम बता रहे हैं कि मोदी जी आज संविधान के तहत चलिए..."। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने आगे कहा कि शायद प्रधानमंत्री को देखकर ऐसा लगा कि वो जनता के फैसले का सही मतलब समझ नहीं सके हैं। उन्होंने कहा कि गैर-जैविक प्रधानमंत्री को लोकसभा चुनावों में व्यक्तिगत, राजनीतिक और नैतिक रूप से करारी हार का सामना करना पड़ा है। उन्होंने संसद के बाहर अपना हमेशा की तरह 'देश के नाम संदेश' दिया है, जबकि 18वीं लोकसभा अपना कार्यकाल शुरू करने की तैयारी कर रही है।
'हमेशा की तरह मुद्दों को भटकाने की कोशिश की'
कांग्रेस नेता ने सोशल मीडिया X पर अपने पोस्ट में कहा कि उन्होंने कुछ भी नया नहीं कहा और हमेशा की तरह मुद्दों को भटकाने की कोशिश की। उन्होंने इस बात का कोई सबूत नहीं दिया है कि वे जनता के फैसले का सही मतलब समझते हैं, जिसके कारण उन्हें वाराणसी में केवल एक मामूली जीत मिली। जयराम रमेश ने ये भी कहा, प्रधानमंत्री किसी भी संदेह में न रहे, इंडिया का जनबंधन उन्हें हर मिनट के लिए जवाबदेह ठहराएगा। वे पूरी तरह से बेनकाब हो चुके हैं। 18वीं लोकसभा की शुरुआत से पहले अपने पारंपरिक भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत को एक जिम्मेदार विपक्ष की जरूरत है। क्योंकि लोग नारे नहीं, बल्कि सार्थकता चाहते हैं। उन्होंने कहा कि लोग संसद में चर्चा, कर्मठता चाहते हैं न कि व्यवधान चाहते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि लोग विपक्ष से अच्छे कदमों की उम्मीद करते हैं, लेकिन अब तक यह निराशाजनक रहा है और उम्मीद जताई कि यह अपनी भूमिका निभाएगा और लोकतंत्र की मर्यादा को बनाए रखेगा। इस दौरान उन्होंने ये भी याद दिलाया कि आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ 25 जून को है, पीएम इसे भारत के लोकतंत्र पर एक 'काला धब्बा' कहा।