कानपुर । उत्तर प्रदेश के कानपुर में ब्लैक फंगस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में बाजार में एंटी फंगल इंजेक्शन की किल्लत हो गयी है। मेडिकल स्टोर में एंटी फंगल इंजेक्शन ढूंढने से नहीं मिल रहे हैं। ऐसे तें मरीजों के तीमारदारों को खासी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। इंजेक्शन की जबरदस्त किल्लत के बीच शासन ने जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज को 100 एंटी फंगल इंजेक्शन उपलब्ध कराए हैं। जानकारी के मुताबिक, अब तक शहर में 50 से अधिक लोग ब्लैक फंगस की चपेट में आ चुके हैं। सबसे ज्यादा परेशानी की बात यह है कि ब्लैक फंगस के इलाज में जरूरी एंटी फंगल इंजेक्शन बाजार से गायब है। कोरोना की दवाओं की तरह ही इनकी भी ब्लैक मार्केटिंग की सम्भावना जतायी जा रही है।मरीजों के तीमारदार एक मेडिकल स्टोर से दूसरे मेडिकल स्टोर के चक्कर काट रहे हैं। लाख कोशिशों के बाद भी एक अदद इंजेक्शन नहीं मिल पा रहा है। 
इस बारे में मेडिकल स्टोर संचालकों का कहना है कि इंजेक्शन की शार्टेज चल रही है। तीन से चार दिनों में इंजेक्शन बाजार में उपलब्ध हो जाएगा। फुटकर दवा व्यापार मंडल के महामंत्री प्रवीण बाजपेई का कहना है कि बाकी दवाएं बाजार में उपलब्ध है, एंटी फंगल इंजेक्शन की कमी है। वहीं, दवा व्यापार मंडल के एक अन्य पदाधिकारी संजय मल्होत्रा ने कहा कि सामान्य दिनों में एंटी फंगल इंजेक्शन की मांग काफी कम रहती है। ऐसे में जब मांग आयी तो बाजार में कमी हो गयी है। वहीं जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में भी तेजी से ब्लैक फंगस से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ रही है। 
ऐसे में मेडिकल कॉलेज प्रिन्सिपल ने हैलट अस्पताल में इलाज के लिए विशेषज्ञों की एक टीम बना दी है। फिलहाल हैलट अस्पताल में ब्लैक फंगस से ग्रसित चार मरीजों का इलाज चल रहा है। मेडिकल कॉलेज प्रिन्सिपल का कहना है कि शासन से 100 इंजेक्शन उपलब्ध कराए गए हैं। जिनसे इन मरीजों का इलाज किया जाएगा। अभी तक सहायक दवाओं से इलाज किया जा रहा था।