मास्क न पहनने पर बेटी के सामने मां को सडक पर पटककर पीटने का मामला
आयोग ने आईजी सागर से सात दिवस में मांगा तथ्यात्मक प्रतिवेदन
मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग को 20 मई 2021 को वाट्स-एप्प पर एक वायरल वीडियो प्राप्त हुआ, जिसमें मास्क न पहनने पर एक महिला को उसकी बेटी के सामने पुलिस द्वारा अमानवीय रूप से सडक पर बाल पकड़कर घसीटने और उसे पीटने की घटना होना दृष्टिगोचर हो रहा है। घटना सागर जिले की है। वाट्स-एप्प पर मिली वीडियो क्लिप एवं इस घटना के बारे में अखबारों में प्रकाशित खबरों पर आयोग द्वारा स्वयं संज्ञान लेकर प्रकरण भी पंजीबद्ध कर लिया गया है। इस मामले में आयोग ने वीडियो क्लिप की सीडी भेजकर पुलिस महानिरीक्षक, सागर से सात दिवस में तथ्यात्मक प्रतिवेदन मांगा है। आयोग ने पुलिस महानिरीक्षक, सागर से निम्नांकित पांच बिन्दुओं पर प्रतिवेदन चाहा है:- (1) महिलाओं के साथ किन परिस्थितियों में पुलिसकर्मियों द्वारा मारपीट की गई ? (2) यदि ऐसी महिलाओं द्वारा कोरोना प्रोटोकाॅल के निर्देशों/वैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन किया गया था, तो उनके विरूद्ध किस प्रकार की कार्यवाही की गई ? यदि कोई आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध किया गया हो, तो उसकी भी जानकारी और इस घटना से संबंधित थाने के रोजनामचा रजिस्टर में किये गये इंद्राजों की प्रतियां भी दी जाये। (3) महिलाओं द्वारा यदि किन्हीं प्रावधानों का उल्लंघन किया गया था, तो क्या ऐसे अपराध सात वर्ष से अधिक अवधि से दण्डनीय अपराध थे और उनमें उनकी गिरफ्तारी आवश्यक थी ? क्या इस संबंध में दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा-41 के संबंधित प्रावधानों और माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गिरफ्तारी के संबंध में अरनेश कुमार विरूद्ध बिहार राज्य में दिये गये स्पष्ट दिशा-निर्देश का कोई पालन किया गया था ? जिनकी जानकारी प्रत्येक पुलिस अधिकारी/कर्मी को होना अपेक्षित है। (4) महिलाओं के साथ मारपीट, झूमा-झटकी करने वाले पुलिस अधिकारी/कर्मियों के नाम भी प्रेषित किये जायें, यदि उनसे कोई स्पष्टीकरण लिया गया हो, तो उसकी प्रतियां भी दी जायें। (5) इस संबंध में मारपीट करने वाले पुलिस अधिकारी/कर्मचारियों के संबंध में अन्य कोई जानकारी उपलब्ध हो, तो वह भी दी जाये