एमजी कॉलेज की पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष अंकिता भारद्वाज ने राज्यपाल के नाम जिला प्रशासन को पत्र सौंपकर इच्छा मृत्यु की गुहार लगाई है। युवती ने ऑपरेशन के दौरान सरकारी महिला अस्पताल की डॉक्टरों पर सर्जिकल स्पंज पेट में ही छोड़ने का आरोप लगाया है। इससे उन्हें परेशानी हो रही है और वह अब मां नहीं बन सकतीं। इसके बाद भी चिकित्सीय टीम पर कार्रवाई नहीं की गई। मोहल्ला हिमांयूपुर निवासी अंकिता भारद्वाज बृहस्पतिवार को जिला मुख्यालय गई। वहां पर डीएम की अनुपस्थिति में एसडीएम मुख्यालय को राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन सौंपा। अंकिता ने बताया कि उसका प्रसव 22 फरवरी, 2021 को जिला महिला अस्पताल में ऑपरेशन से हुआ था। बेटी के जन्म के बाद पेट में दर्द शुरू हो गया। पेट में संक्रमण के चलते महिला अस्पताल में ही उसका दूसरा ऑपरेशन कराया गया। फिर भी संक्रमण ठीक नहीं हुआ। वह आगरा के निजी अस्पताल में गई। पेट के अंदर सर्जिकल स्पंज मिला, जिसे सरकारी जिला महिला अस्पताल की चिकित्सकीय टीम ने छोड़ दिया था। जिला अस्पताल के चिकित्सकों ने कहा कि मवाद का गोला है। तीसरे आपरेशन में सर्जिकल स्पंज आंतों से चिपका मिला और बड़ी आंत संक्रमित होने से उसे काटकर निकाल दिया। अंकिता का कहना है कि उसका पाचन तंत्र प्रभावित है। उसे केजीएमयू लखनऊ रेफर कर दिया। यहां भी छह महीने तक इलाज किया। मेडिकल काॅलेज की तत्कालीन महिला प्राचार्या, सीएमओ, स्वास्थ्य मंत्री और मुख्यमंत्री तक से उसने शिकायत की। जनता दरबार में भी सीएम से मिली, लेकिन मामले को गंभीरता से नहीं लिया। अंकिता ने जिला प्रशासन को बताया कि उसका एक और ऑपरेशन लखनऊ में होगा। अब कोई भविष्य नहीं दिख रहा।
सरकारी अस्पताल की डॉक्टरों ने पेट में छोड़ा था स्पंज, युवती ने राज्यपाल से मांगी इच्छामृत्यु
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