हमीरपुर जिले में बेतवा नदी में नहाने गए तीन बालकों की गुरुवार सुबह नदी में डूबकर मौत हो गई। काफी देर तक बेटों के घर न पहुंचने पर परिजनों ने उन्हें ढूंढना शुरू किया। नदी किनारे उतरी चप्पलों व कपड़ों से अनुमान लगाकर चरवाहों ने नदी में डूबने की आशंका जताई। करीब चार बजे तीनों बालकों के शव नदी में उतराते देख एक महिला ने गांव में सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने गोताखोरों की मदद से तीनों शवों को नदी से बाहर निकाला। ललपुरा थाना क्षेत्र के पौथिया गांव निवासी तीन बालक हर्षित (10) पुत्र कालका प्रसाद, रोहित (10) पुत्र आशाराम व सौरभ (8) पुत्र केश कुमार सुबह करीब 11 बजे बेतवा नदी में नहाने गए थे। जहां गहरे पानी में जाने से तीनों डूब गए। मवेशी चरा रहे चरवाहों ने नदी किनारे कपड़े व चप्पल देख बालकों के डूबने की आशंका जाहिर की। करीब चार बजे तीनों के शव पानी में उतराते दिखे। शवों को देख महिला ने गांव में सूचना दी। गोताखोरों की मदद से पुलिस ने तीनों शवों को नदी से बाहर निकाला। इसके बाद पूर्व मंत्री शिवचरण प्रजापति ने अपनी गाड़ी से उन्हें जिला अस्पताल भेजा, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मृतक सौरभ व हर्षित अपने माता पिता के इकलौती संतान था। रोहित चार भाइयों में सबसे बड़ा था। मासूम की मौतों से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
बुझ गया घर का इकलौता चिराग
मृतक सौरभ उर्फ अभी के पिता केश कुमार ने बताया कि उन लोगों को पता ही नहीं चला कि बेटा कब घर से निकल गया। बताया कि नदी के उस पार एक आश्रम में भंडारा चल रहा था। हो सकता है कि किसी के साथ यहां तक आ गए हों और नदी में नहाने लगे हों। तभी गहरे पानी में जाने से उनकी मौत हो गई। कहा कि इकलौता बेटा था, जो उसे छोडकर चला गया। मृतक प्रशांत उर्फ हर्षित के चाचा प्रदीप ने बताया कि भतीजा इकलौता था। माता पिता मेहनत मजदूरी करते हैं। तीनों बच्चे पड़ोस के ही हैं, जो कक्षा एक में पढ़ता था। बताया कि कितने समय यह लोग घर से निकल कर नदी आ गए। उन्हें कुछ पता ही नहीं चल सका है।