जयपुर । राजस्‍थान में आमेर महल का प्रसिद्ध मावठा सरोवर वक्त से पहले ही तेज़ी से खाली हो रहा है। राजधानी जयपुर के ऐतिहासिक आमेर महल का मावठा तालाब को पूरा भरने के लिए काफी वक्त से कोशिशें की जा रही थी। लंबे अरसे से मावठा तालाब को भरने के लिए पर्यटन विभाग और सिंचाई विभाग मिलकर कोशिश कर रहे थे। लेकिन महीनों तक कोशिशें करने के बाद भी बीसलपुर की पानी की लाइन से इसे महज आधा ही भरा जा सका था। जयपुर में 14 अगस्त 2020 को हुई तेज बारिश के बाद मावठा तालाब में पानी की अच्छी आवक हुई और एक ही दिन में मावठा तालाब लबालब हो गया था। इससे पहले 2012 में आखरी बार मावठा तालाब में चादर चली थी। उसके बाद से मावठा तालाब लगातार खाली होता चला गया। फिर इस इलाके में न तो पानी की अच्छी आवक हुई न ही आमेर इलाके में अच्छी बरसात दर्ज की गई।

जानकारी के मुताबिक, हर साल मावठे में थोड़ा बहुत पानी आता था वो गर्मियां आने तक पूरा सूख जाता था। आमेर को साल 2013 में यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट के लिए चुना गया था। पहाड़ी किलो की कैटेगरी में आमेर को दुनिया के सबसे अच्छे किलों में शामिल किया गया। लेकिन तब से ही इस किले की बदकिस्मती ये रही कि मावठा तालाब कभी पूरा नहीं भर पाया था। मावठे में 2012 में चादर चली थी कई बार पर्यटन विभाग और अन्य विभागों ने मिलकर कोशिश भी की लेकिन कभी लीकेज की वजह से तो कभी पानी की कमी की वजह से ख्वाब अधूरा ही रहा। मावठे सरोवर की भराव क्षमता करीब 300 मिलियन लीटर पानी की है। इसमें जब 2012 में चादर चली थी तब भी 1981 के बाद 32 साल में मावठे में इतना पानी आया था। लेकिन मावठे के पूरे भरने के बाद भी इतनी तेजी से यहां से पानी कम होने की वजह से यहां लीकेज को लेकर फिर सवालिया निशान लग रहे हैं।