चंडीगढ़। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हरियाणा दौरे के बाद प्रदेश की राजनीति अब पूरे उफान पर है। सोमवार को एक साथ प्रदेश में तीन शहरों में रैलियां कर नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से चौटाला पर सीधा हमला बोला और कहा कि तिहाड़ जेल में बैठे लोगों का समर्थन उन्हें किसी भी कीमत पर नहीं चाहिए, उससे प्रदेश की राजनीति में नए समीकरण बनते दिख रहे हैं।
मोदी के इस बयान को चौटाला के लिए तो नुकसानदायक माना ही जा रहा है, साथ ही कहीं न कहीं मोदी ने हरयिाणा में इनेलो के लिए प्रचार करने में जुटे पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के उन इरादों पर भी पानी फेर दिया है, जो चुनाव बाद संभावित गठबंधन के समीकरणों से उम्मीद लगाए हुए थे।
वहीं दूसरी ओर राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा भी आम है कि जोश-जोश में मोदी बेशक, इनेलो प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला पर हमला करने से पीछे नहीं हटे लेकिन इसका नुकसान खुद उनकी ही पार्टी भाजपा को भी हो सकता है। इस बार विधानसभा के चुनाव में जिस तरह के हालात बने हुए हैं, उससे अभी तक यह कहना बिल्कुल सही नहीं होगा कि किसी भी राजनीतिक दल को पूर्ण बहुमत मिलने वाला है।
राजनीतिक पंडित भी मानते हैं कि इनेलो व भाजपा को मिलने वाली सीटों के बाद यह एक संभावना थी कि दोनों दल चुनावों के बाद मिलकर सरकार बना लेते। अब जब मोदी खुद ही यह स्पष्ट कर चुके हैं कि वे तिहाड़ जेल में बैठकर राजनीति करने वाले अपराधियों के समर्थन से सरकार नहीं बनाएंगे।
यही नहीं, मोदी ने तो चौटाला को यहां तक नसीहत दी है कि वे किसी कार्यक्त्रम में उनके साथ बैठकर खिंचवाए गए फोटो को लोगों के बीच दिखाकर यह प्रचार न करें कि मोदी और चौटाला में किसी तरह के संबंध हैं।
मोदी के बयान से हरियाणा की सियासत में उफान
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