नई दिल्ली : ई-रिटेलर फ्लिपकार्ट की बिग बिलियन डे सेल के संबंध में बड़ी संख्या में मिल रही शिकायतों पर सरकार विचार करेगी और यह फैसला लिया जाएगा कि क्या ई-कॉमर्स रिटेल पॉलिसी को लेकर ज्यादा क्लैरिटी की जरूरत है या नहीं।

फ्लिपकार्ट ने 6 अक्टूबर को इस सेल में बहुत से प्रॉडक्ट्स पर भारी डिस्काउंट की पेशकश की थी और इसकी राइवल एमेजॉन 10 अक्टूबर से फेस्टिव डिस्काउंट्स के साथ इसी तरह की सेल शुरू करने जा रही है। इस सेल का बहुत से बड़े और छोटे फिजिकल स्टोर मालिकों ने विरोध किया है। उनका कहना है कि इस तरह के कैम्पेन से उनके कारोबार पर असर पड़ेगा।

कॉमर्स एंड इंडस्ट्री मिनिस्टर निर्मला सीतारामण ने बताया, 'हमें काफी इनपुट मिला है और बहुत सी चिंताएं सामने आई हैं। हम इस पर विचार करेंगे।' फ्लिपकार्ट के प्रवक्ता ने बताया कि सेल में सभी प्राइसेज वेंडर्स ने तय किए थे। उन्होंने ईमेल से दिए जवाब में कहा, 'हम एक ई-मार्केटप्लेस हैं, जहां सेलर्स अपने वर्कप्लेस से बाहर निकले बिना सीधे बायर्स को बिक्री करते हैं। वे प्राइस तय करते हैं और केवल वे ही सिस्टम में प्राइसेज बदल सकते हैं।'

बीजेपी सरकार ने छोटे ट्रेडर्स पर असर पड़ने को लेकर आशंकाओं की वजह से मल्टी-ब्रांड रिटेल में फॉरेन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट (एफडीआई) का विरोध किया है। हालांकि, इसने यूपीए की पिछली सरकार की ओर से सेक्टर को खोलने की पॉलिसी को बदला नहीं है। ई-कॉमर्स में फॉरेन इनवेस्टमेंट की अनुमति नहीं है। फ्लिपकार्ट और अन्य ऑनलाइन रिटेलर्स ने पॉलिसी का पालन करने के लिए खुद का स्ट्रक्चर मार्केटप्लेस के तौर पर बनाया है। इससे वे तेजी से बढ़ रहे ई-कॉमर्स मार्केट का फायदा उठा रहे हैं।

यह पूछने पर कि क्या सरकार ई-कॉमर्स रिटेलिंग को लेकर किसी विशेष पॉलिसी पर विचार कर रही है, सीतारामण ने कहा इस मामले पर विचार किया जाएगा। उनका कहना था, 'अब बहुत सी शिकायतें मिली हैं। हम इसकी स्टडी करेंगे। इसे लेकर अगर किसी अलग पॉलिसी या किसी तरह के क्लैरिफिकेशन की जरूरत होगी तो हम उसे जल्द ही स्पष्ट करेंगे।' फ्लिपकार्ट ने बताया है कि उसकी बिग बिलियन डे सेल में उसके पोर्टल पर 15 लाख लोगों ने खरीदारी की और 10 करोड़ डॉलर की सेल्स हुई।

कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने कॉमर्स एंड इंडस्ट्री मिनिस्ट्री से ऑनलाइन बिजनेस की निगरानी और उसे रेगुलेट करने के लिए कदम उठाने की मांग की है। इसने ई-कॉमर्स कंपनियों के बिजनेस मॉडल और ट्रेड प्रैक्टिसेज की जांच करने को भी कहा है जिससे यह पता लगाया जा सके कि ये कंपनियां मौजूदा फेस्टिव सीजन के दौरान किस तरह भारी डिस्काउंट दे रही हैं। नोकिया के अपने चेन्नई प्लांट में ऑपरेशंस बंद करने के मुद्दे पर सीतारामण ने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर विचार करेगी। उन्होंने बताया, 'हम निश्चित तौर पर यह देखेंगे कि कैसे इस तरह के मामलों को दोबारा होने से रोका जा सकता है और हम 'मेक इन इंडिया' कैम्पेन को बढ़ावा देंगे।' फॉरेन ट्रेड पॉलिसी को लेकर उनका कहना था कि जल्द ही इसकी घोषणा की जाएगी। उन्होंने कहा कि नई पॉलिसी पिछली प़ॉलिसीज से अलग होगी और इसमें बहुत सी चीजों पर फोकस किया जाएगा।