
दिव्यांगों की अनदेखी, नौ साल से नहीं बढा देखरेख का खर्च
भोपाल शहर के बेसहारा बच्चों की परवरिश करने वालों के सामने बजट की दिक्कत आ रही है। विभाग की ओर एक हजार रूपये महीना दिया जा रहा है। यानि एक बच्चे की परवरिश के लिये केवल 33 रूपये प्रतिदिन। बच्चों की परवरिश के लिये राशि बढाये जाने हेतु शासन से वर्ष 2011 से कई बार मांग की जा चुकी है। शासन को कई बार इस बारे में ज्ञापन दिये जा चुके है। परन्तु इस मामले में कोई निर्णय नहीं लिया गया है। यह स्थिति तब है, जब मंहगाई बीते नौ साल में काफी बढ गई है। सरकार और प्रशासन की अनदेखी के कारण शहर ही नहीं, प्रदेश में कई दिव्यांग परेशान हो रहे है। राजधानी में बीते 42 साल से दिव्यांग बच्चों को सहारा देने में जुटे सरदार खां ने यह मामला उठाया है। वे बताते है कि मामला कोर्ट तक जा चुका है। इस मामले में आयोग ने मुख्य सचिव, म.प्र. शासन तथा प्रमुख सचिव, म.प्र. शासन, सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग, मंत्रालय, भोपाल से जांच कराकर एक माह में तथ्यात्मक प्रतिवेदन मांगा है। आयोग ने कहा है कि दिव्यांग बच्चों के भरण-पोषण हेतु वर्ष 2011 से दी जा रही 1000 रूपये प्रतिमाह की राशि को दस वर्ष पश्चात भी नहीं बढाने का औचित्य बताते हुये तथा इसके लिये उचित कार्यवाही कर प्रतिवेदन दिया जाये।