
मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के माननीय अध्यक्ष न्यायमूर्ति नरेन्द्र कुमार जैन को 17 मई 2021 को मध्यप्रदेश के राज्यसभा सांसद एवं वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा की ओर से एक याचिका पत्र प्राप्त हुआ। याचिकाकर्ता तन्खा द्वारा याचिका प्रस्तुत कर वर्तमान में कोविड-19 महामारी के साथ अब म्युकरमाइकोसिस - ब्लेक फंगस बीमारी के मामले सामने आने एवं इंदौर, भोपाल और जबलपुर जैसे शहरों में इससे बड़ी संख्या में मरीजों की मृत्यु होने एवं इस बीमारी से मृत्यु दर 55 प्रतिशत तक होना उल्लेखित किया गया है। साथ ही यह भी प्रकट किया है कि इस बीमारी की दवा बाजारों में सर्वसुलभ नहीं है एवं प्रशासनिक व्यवस्थाओं में कमी होने के कारण तथा अस्पतालों में डाक्टरों, नर्सों, आक्सीजन, वेंटिलेटर व दवाईयों की कमी की आड़ में नकली दवाओं की सप्लाई होने से मरीजों की मौते भी हो रही हैं और यह पता नहीं चल रहा है कि मौतें बीमारी से हुई हैं अथवा नकली दवाओं से। साथ ही अस्पतालों में बिस्तर कम पड़ रहे हैं तथा नकली दवाओं की तस्करी चरम पर होकर सही दवा मरीजों की पहुंच से दूर है तथा शासकीय एवं निजी क्षेत्र के मरीजों के सही आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं। अतः जिलों के कलेक्टर्स एवं शासकीय व निजी क्षेत्र के जिम्मेदार अधिकारियों से प्रतिदिन व समय-समय पर रिपोर्ट आहूत कर कोरोना, ब्लेक फंगस व अन्य गंभीर बीमारियों के मरीजों को सही दवाईयां और समुचित इलाज हेतु दिशा-निर्देश दिये जाएं।
आयोग के माननीय अध्यक्ष न्यायमूर्ति नरेन्द्र कुमार जैन ने याचिका में उल्लेखित सभी तथ्यों को देखते हुए याचिका पर संज्ञान लेकर मुख्य सचिव, म.प्र. शासन तथा अपर मुख्य सचिव, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, मंत्रालय भोपाल से 28 मई 2021 तक प्रतिवेदन मांगा है। आयोग ने इन अधिकारियों से निम्नांकित छह बिन्दुओं पर प्रतिवेदन चाहा है:-
01. दिनांक 09 मई 21 से 18 मई 21 तक की अवधि में प्रतिदिन जिलावार कोरोना महामारी एवं म्युकरमाइकोसिस - ब्लेक फंगस बीमारी के कितने मरीज पाये गये एवं इलाज/दवाई/ इंजेक्शन के अभाव में कितने मरीजों की मृत्यु हुई
02. इन बीमारियों के उपयोग में आने वाली दवाईयों एवं इंजेक्शन की उपलब्धता मरीजों को सुनिश्चित हो, इस हेतु क्या प्रयास किये गये हैं ?
03. इन बीमारियों की उपयोग में आने वाली दवाईयों/इंजेक्शन की कालाबाजारी के संबंध में कितनी प्रथम सूचना रिपोर्ट, किन धाराओं में दर्ज की गयी एवं कितने व्यक्तियों की गिरफ्तारी की गयी ?
04. इन दवाईयों/इंजेक्शन की कालाबाजारी रोकने हेतु क्या-क्या उपाय किये गये एवं किये जा रहे हैं ?
05. हर जिले में ऐसी महामारी/बीमारी के लिये सरकारी एवं निजी अस्पतालों में कितने बेड उपलब्ध हैं एवं यदि किसी जिले में मरीजों की तुलना में बेड कम हैं, तो किन अन्य साधनों से ऐसे अतिरिक्त मरीजों का इलाज किया गया/ किया जा रहा है ?
06. कोरोना महामारी की यदि तीसरी लहर आती है, तो उसके संबंध में क्या व्यवस्थाएं की जा रही है ?
आयोग ने बिन्दु क्रमांक 01 से 06 के संबंध में मध्यप्रदेश के सभी संभागों के संभागायुक्तों से भी पृथक से जिलेवार जानकारी/प्रतिवेदन 28 मई 2021 तक ही मांगा है।