सीएम योगी इन दिनों जिलों का दौरा करके कोविड की जानकारी खुद ले रहे हैं। मरीजों को दवाओं की किट, गांव में साफ सफाई का हाल वे खुद ग्रामीणों से मिलकर पूछ रहे हैं। आज सीएम ने सहारनपुर और मुजफ्फरनगर का दौरा किया, इससे पहले कल वे मेरठ और नोएडा में लोगों से मिले थे। इस बीच मेरठ दौरे के दौरान अधिकारियों ने सीएम को सड़क के किनारे पड़े कूड़े का ढेर ना दिखाई दे इसलिए सफेद पर्दा लगा दिया।  

बता दें कि मेरठ-बुलंदशहर हाईवे पर जाहिदपुर गांव के पास कूड़े के ऊंचे-ऊंचे ढेर लगे हैं। यह शहर का सबसे बड़ा डंपिंग ग्राउंड है। यहां से उठने वाली दुर्गंध कई किलोमीटर दूर तक महसूस की जा सकती है। कोई सुनने वाला नहीं है। तमाम अफसर रोजाना इसके सामने से निकलते हैं। रविवार को जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मेरठ दौरे पर आए तो अफसरों ने इस कूड़े के ढेर को टेंट के पर्दों से ढंकवा दिया। सुबह से नगर निगम के निर्देश पर अफसर इस कूड़े को ढंकने में जुटे रहे, ताकि सीएम को यह गंदगी न दिखने पाए। इस ढेर के पास ही झुग्गी-झोंपड़ियों की बस्ती है। इस पूरी बस्ती को भी पर्दे लगाकर ढंक दिया गया। वहां पुलिस तैनात की गई थी, ताकि कोई बाहर नहीं निकल सके। दरअसल, बिजौली गांव जाने के लिए मुख्यमंत्री इसी रास्ते से गए थे।

सपा विधायक बोले, मुख्यमंत्री जी, तड़प-तड़पकर मर गए लोग


मेरठ के कमिश्नरी सभागार में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिले के अफसरों और जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक की। बैठक में भाजपा विधायक संगीत सोम क्वारंटाइन होने के कारण शामिल नहीं हो सके। अन्य पांच भाजपा विधायक और सांसद, राज्यसभा सांसद के साथ समाजवादी पार्टी के शहर विधायक रफीक अंसारी भी शामिल हुए। शहर विधायक रफीक अंसारी ने कहा कि मेरठ की स्थिति अच्छी नहीं है मुख्यमंत्री जी। लोग तड़प-तड़प कर मर गए। अस्पतालों में आज भी मनमानी हो रही है। गरीबों को बेड और ऑक्सीजन कुछ नहीं मिल रहा। 

मुख्यमंत्री ने बारी-बारी से सभी जनप्रतिनिधियों से जिले के हालात के बारे में जानकारी ली। भाजपा के सभी विधायकों और सांसदों ने जिले में सब कुछ अच्छा चल रहा है कहा। राज्यसभा सांसद कांता कर्दम ने मेडिकल में व्यवस्था सुधारने की बात कही। मेडिकल में महिलाओं के लिए अलग से कोविड वार्ड बनवाने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने जब सपा विधायक रफीक अंसारी से जिले के हालात की जानकारी ली तो उन्होंने कहा कि सरकारी आंकड़े और हकीकत में बहुत ज्यादा अंतर है। हजारों की तादाद में मौतें हो चुकी हैं। किसी को बेड नहीं मिला तो किसी को ऑक्सीजन नहीं मिली। किसी को दवाई नहीं मिली  तो किसी ने रास्ते में दम तोड़ दिया और देहात क्षेत्र में हो रही मौतों की तो कोई संख्या ही नहीं है। ना कोई टेस्टिंग हो रही है और अगर टेस्टिंग कहीं हो भी रही है तो उसका रिजल्ट पांच से छह दिन बाद आ रहा है। इन सब बातों को मुख्यमंत्री ने अपनी डायरी में नोट किया और जिले के अफसरों को टेस्टिंग बढ़ाने और टेस्टिंग की रिपोर्ट अगले दिन देने के आदेश दिए।