पाकिस्तान में पंजाब सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पार्टी के लोगों के खिलाफ और मामले दर्ज करने की मंजूरी दे दी। इमरान खान और उनकी पार्टी पर सेना के खिलाफ नफरत फैलाने का आरोप लगाया गया है। क्रिकेटर से राजनेता बने 71 वर्षीय इमरान खान पिछले साल अगस्त से जेल में बंद हैं। पंजाब में मरियम नवाज की कैबिनेट ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के प्रमुख इमरान खान और उनकी पार्टी के अन्य नेताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई को मंजूरी दे दी। पंजाब के सूचना मंत्री आजमा बुखारी ने इसकी जानकारी दी।
इमरान खान पर नफरत फैलाने का आरोप
आजमा बुखारी ने कहा कि इमरान खान मुजीबुर रहमान बनने की कोशिश कर रहे हैं। मुजीबुर रहमान ने पाकिस्तान के खिलाफ बांग्लादेश में स्वतंत्रता आंदोलन का नेतृत्व किया था। उन्होंने आगे कहा कि इमरान खान से मिलने जो भी अदियाला जेल जाते हैं, वे सभी नफरत फैलाने में उनका अनुसरण करते हैं। आजमा बुखारी ने कहा कि पंजाब सरकार एक पत्रकार की शिकायत के आधार पर ब्रिटिश अखबार में लेख लिखने के लिए इमरान खान और उनके सहयोगियों के खिलाफ मामला दर्ज कर सकती है।
अपने लेख में इमरान खान ने सैन्य प्रतिष्ठानों को घेरा था
इससे पहले एक अखबार के लेख में इमरान खान ने आरोप लगाया था कि सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के नेतृत्व में सैन्य प्रतिष्ठान उनकी पार्टी की उपस्थिति को पूरी तरह से खत्म करने की कोशिश की, लेकिन वे इसमें असफल रहे। उन्होंने आगे लिखा था कि जब उनकी पार्टी के समर्थकों पर सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला करने का झूठा आरोप लगाया गया था तो वह सैन्य प्रतिष्ठान के एजेंडे के खिलाफ देश की जनता द्वारा लिया गया लोकतांत्रिक बदला था। उन्होंने कहा कि लोगों का प्रदर्शन न केवल एक राष्ट्रीय विरोध का स्वर था बल्कि यह आधिकारिक राज्य की परिकल्पना की भी पूरी तरह से अस्वीकृत थी।
पूर्व प्रधानमंत्री ने अपने लेख में आगे लिखा कि अगर उनके या उनकी पत्नी के साथ कुछ भी गलत होता है तो जनरल असीम मुनीर इसके लिए जिम्मेदार होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि उनका विश्वास मजबूत है, इसलिए उन्हें किसी से डर नहीं लगता। इमरान खान ने कहा कि वह गुलामी करने से ज्यादा मौत को गले लगाना ज्यादा पसंद करेंगे।