ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की रविवार को हेलीकॉप्टर दुर्घटना में जान चली गई। इस हादसे के बाद अमेरिका ने एक बयान जारी किया है। अमेरिका ने बताया कि रईसी के हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद वे रसद आपूर्ति की समस्याओं कारण से ईरान सरकार को सहायता प्रदान नहीं कर पाया। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने बताया कि ईरान ने अमेरिका से सहायता मांगी थी। मैथ्यू मिलर ने कहा, "ईरानी सरकार ने हमसे सहायता मांगी थी। हमने उन्हें स्पष्ट किया था कि हम उनकी सहायता करेंगे। लेकिन कुछ कारणों से हम उन्हें सहायता प्रदान नहीं कर पाए।" उन्होंने राष्ट्रपति रईसी के निधन पर शोक जताया।
इस दौरान मैथ्यू मिलर ने रईसी की निंदा भी की। उन्होंने कहा, "मुझे कुछ बातें कहने दीजिए, चार दशकों तक रईसी ईरानियों की आवाज दबातते रहे। वह मानवाधिकार के हनन में भी शामिल थे। वह 1988 में हजारों राजनीतिक कैदियों की हत्या में भी शामिल थे। उनके कार्यकाल के दौरान महिलाओं और लड़कियों के कई मानवाधिकों का हनन हुआ।" मैथ्यू मिलर ने कहा, "हम किसी को भी हेलीकॉप्टर क्रैश में मरते हुए देखना नहीं चाहते हैं, लेकिन इससे एक राष्ट्रपति और न्यायाधीश के रूप में उनके रिकॉर्ड की वास्तविकता नहीं बदलेगी।। हम ईरान के लोगों को उनके अधिकारों की रक्षा के लिए उनका समर्थन करना जारी रखेंगे।"
विदेश मंत्री भी हेलीकॉप्टर में थे सवार
बता दें कि रविवार को हेलीकॉप्टर दुर्घटना में रईसी के अलावा ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दोल्लाहियन भी सवार थे। हेलीकॉप्टर में कुल नौ लोग सवार थे और सभी की मौत हो गई। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पायलट ने होलीकॉप्टर से नियंत्रण खो दिया था, जिसके चलते यह हादसा हुआ। इस हादसे में राष्ट्रपति रईसी समेत बाकी सभी की मौत हो गई। बचाव टीमों से पता चल रहा है कि हेलीकॉप्टर का पूरा केबिन काफी क्षतिग्रस्त और जल गया है। बता दें कि यह घटना अजरबैजान के सीमावर्ती शहर जोल्फा के करीब दुर्घटना घटी, जो ईरान की राजधानी तेहरान से 600 किलोमीटर दूर है।