अहमदाबाद | मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने शनिवार को बनासकांठा जिले में कोरोना संक्रमण की स्थिति और उसके नियंत्रण को लेकर पालनपुर कलक्टर कार्यालय में एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई।  बैठक में मुख्यमंत्री ने पालनपुर शहर और बनासकांठा जिले के ग्रामीण इलाकों में कोरोना मामलों, टेस्टिंग, ट्रेसिंग, कोविड डेडिकेटेड हॉस्पिटल, बेड की संख्या, ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, दवाई और उपचार सुविधा, हेल्थ स्टाफ और टीकाकरण की स्थिति एवं आयोजन सहित तमाम जानकारियां हासिल कर हालात को नियंत्रित रखने और आवश्यक व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए जिला प्रशासन को मार्गदर्शन और जरूरी निर्देश दिए। इस मौके पर संवाददाताओं से बातचीत में मुख्यमंत्री श्री विजय रूपाणी ने कहा कि हम कोरोना की दूसरी लहर से गुजर रहे हैं, लेकिन पिछले दस-बारह दिनों से पूरे राज्य में कोरोना मामलों की संख्या में लगातार कमी दर्ज की जा रही है जो हम सभी के लिए अच्छी खबर है। कोरोना को लेकर राज्य के हालात पूर्ण रूप से काबू में होने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में 27 अप्रैल को 14500 मामले दर्ज किए गए थे, जबकि कल यानी शुक्रवार को इनकी संख्या घटकर 9995 रह गई है। इस तरह कोरोना मामलों में निरंतर कमी आ रही है। गत दो महीने में राज्य सरकार के व्यापक प्रयासों के परिणामस्वरूप 15 मार्च को जहां राज्य में उपलब्ध बेड की संख्या 41000 थी, वह अब बढ़कर हॉस्पिटलों में 1 लाख और गांवों में बनाए गए कोविड केयर सेंटरों में 1 लाख से अधिक मिलाकर कुल 2 लाख हो गई है। उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन की 110 टन की मांग से निपटने के लिए प्रशासन ने युद्धस्तर पर कार्य किया है। पौने दो लाख से अधिक डॉक्टर, नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ दिन-रात मरीजों के उपचार में जुटे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वास्तविक स्थिति का अनुमान लगाने के लिए हमारे कोर ग्रुप की बैठक राज्य के अलग-अलग जिलों में आयोजित होती है। इससे पूर्व राजकोट, अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत, मोरबी, जामनगर, दाहोद और पाटण जिलों में समीक्षा बैठक हो चुकी है। आज बनासकांठा जिले में कोरोना के संदर्भ में हुए कार्यों की समीक्षा की गई है। रूपाणी ने कहा कि जनता के सहयोग से बनासकांठा जिला प्रशासन तंत्र ने बहुत अच्छा कार्य किया है। जिले के विभिन्न हॉस्पिटलों में 3347 बेड की व्यवस्था की गई है, जिसमें से 1427 ऑक्सीजन सुविधा युक्त बेड हैं। वहीं, 152 वेंटिलेटर बेड की व्यवस्था भी की गई है। उन्होंने जिला प्रशासन तंत्र को बधाई देते हुए कहा कि बनासकांठा जिले के ग्रामीण इलाकों में उल्लेखनीय कार्य हुआ है। सामूहिक स्वास्थ्य केंद्रों में ऑक्सीजन बेड के साथ व्यवस्था की गई है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हो रही है। उन्होंने कहा कि टीकाकरण के मामले में भी बनासकांठा जिला अग्रणी है। 45 साल से अधिक उम्र के 98 फीसदी लोग यानी 608665 लोगों को टीके की पहली खुराक दे दी गई है। बनास डेयरी ने ऑक्सीजन टैंक और ऑक्सीजन उत्पादन करने वाले पीएसए प्लांट लगाए हैं। तीसरी लहर की पूर्व तैयारी के भाग के रूप में बनासकांठा में हवा से 10 मीट्रिक टन ऑक्सीजन बनाने के लिए छोटे-छोटे ऑक्सीजन प्लांट स्थापित कर जल्द शुरू करने को प्रशासन कार्यरत है। मेरा गांव, कोरोना मुक्त गांव अभियान के अंतर्गत जिले के दूरदराज के क्षेत्रों समेत सभी गांवों में लगभग 1000 कोविड केयर सेंटर शुरू किए गए हैं। यहां भर्ती लगभग 376 मरीज स्वस्थ होकर घर वापस लौटे हैं। राज्य सरकार ने ग्रामीण क्षेत्र के लिए अधिसूचना जारी की है जिसके अनुसार जिन घरों में आइसोलेशन की व्यवस्था नहीं है, वैसे कोरोना संक्रमित मरीजों को अनिवार्य रूप से कोविड केयर सेंटर में उपचार कराना होगा। कोरोना संक्रमित मरीज आयुष्मान योजना और मुख्यमंत्री अमृतम (मा) कार्ड के तहत 50000 रुपए तक का उपचार मुफ्त में करवा सकेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यार्थियों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए कक्षा दसवीं के विद्यार्थियों को मास प्रमोशन देने का निर्णय किया गया है। चक्रवाती तूफान के पूर्वानुमान को लेकर भी राज्य सरकार ने तमाम तैयारियां कर जिला कलक्टरों और प्रशासनिक तंत्र को अलर्ट कर दिया है। उन्होंने कहा कि गर्मी के मौसम में किसानों को सिंचाई के लिए पानी मुहैया कराने के लिए व्यापक व्यवस्था कर सुजलाम सुफलाम और सौनी योजना के तहत नहरों में पानी छोड़ा गया है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने आरासुरी अंबाजी माता देवस्थान ट्रस्ट की ओर से दांता और अमीरगढ़ तहसीलों में वितरण के लिए आयुर्वेदिक काढ़ा ले जा रहे वाहनों को रवाना कराया।