नई दिल्ली । भारत दुनिया में आम का सबसे उत्पादक देश है, लेकिन देश से आम की कुछ ही किस्मों का निर्यात किया जाता है। अब इसमें विविधता लाने की तैयारी है। उत्तरी राज्यों में होने वाली आम की किस्मों को भी निर्यात किया जाएगा। साथ ही अमेरिका को भी आम का निर्यात बहाल करने की योजना है। कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण के चेयरमैन एम अंगामुत्थू ने कहा कि हम लंगड़ा, दशहरी, हिमसागर और जरदालू जैसी किस्मों के निर्यात की संभावनाएं तलाश रहे हैं। अभी हमारे निर्यात में अल्फोंसो और केसर का दबदबा है लेकिन आम की दूसरी किस्मों की भी भारी मांग है। दुनियाभर में भारतीय मूल के लोग और दूसरे लोग भी इनकी मांग कर रहे हैं। भारत से अब तक यूएई, ईयू और नेपाल को आम की निर्यात होता रहा है लेकिन अब दूसरे देशों को भी आम का निर्यात करने की तैयारी है। इनमें जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और मॉरीशस शामिल हैं। भारत दुनिया में आम का सबसे बड़ा उत्पादक है लेकिन निर्यात के मामले में वह मेक्सिको और पाकिस्तान से भी पिछड़ा हुआ है, लेकिन भारत ने अब इन देशों को टक्कर देने की पूरी तैयारी कर ली है। पिछले वित्त वर्ष में आम का निर्यात उससे पिछले वर्ष की तुलना में कम रहा। 2019-20 में भारत से 5.6 करोड़ डॉलर का आम निर्यात हुआ था जबकि पिछले साल अप्रैल से फरवरी के बीच करीब 2.83 करोड़ डॉलर का आम निर्यात किया गया। इसकी एक वजह लॉकडाउन भी है जो आम के पीक सीजन के साथ लगा था। इस साल एपीडा ने उत्तर प्रदेश, बिहार और उत्तराखंड के आमों के निर्यात पर जोर लगा रखा है। इसके लिए वाराणसी और सहारनपुर में कई ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित किए गए हैं ताकि अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन किया जा सके।