
शहडोल कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते मामले और दम तोड़ती सरकारी व्यवस्थाओं के बीच गुरुवार दोपहर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शहडोल पहुंचे। यहां सीएम की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट कार्यालय सभागार में जिला स्तरीय क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक आयोजित हुई। बैठक में सीएम शिवराज सिंह चौहान कोरोना पॉजिटिविटी दर पूछते रहे और अफसर सवाल टाल कर कुछ और ही जवाब देते रहे।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से पॉजिटिविटी दर पूछी तो अधिकारियों ने शहडोल की पॉजिटिविटी दर 12.4 प्रतिशत बताई, लेकिन अनूपपुर और उमरिया की जानकारी नहीं दी। अनूपपुर की पॉजिटिविटी दर यह कहकर टाल गए गए कि वहां पॉजिटिविटी बढ़ी है। अनुमान लगाया जा रहा है कि मुख्यमंत्री की समीक्षा के बाद आदिवासी अंचल में दम तोड़ती स्वास्थ्य सुविधाओं और उससे परेशान नागरिकों की पीड़ा कम होगी। शहडोल में बैठक के बाद मुख्यमंत्री रीवा के लिए रवाना होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा सैंपलिंग में नहीं बरते कौताही
शहडोल, अनूपपुर और उमरिया में कोविड-19 सैंपलिंग पर सीएम ने दो टूक कहा कि ज्यादा से ज्यादा सैंपलिंग की जाए। जिससे पीड़ितों की जानकारी सामने आए और वे अन्य लोगों में संक्रमण नहीं फैला सकें। सीएम ने कहा कि जितने टेस्ट उतने किए जाएं। बैठक में बिस्तरों की जानकारी देते हुए अधिकारियों ने बताया कि शहडोल में 723, अनूपपुर में 293 और उमरिया में 304 बिस्तर है। शहडोल में कोविड के लिए 273 बिस्तर में सौ भरे हैं।
दो दिन पहले ही सामने आया था रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी का मामला
शहडोल मेडिकल कॉलेज में मरीजों को दी जाने वाली रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी का खुलासा 11 मई को ही पुलिस ने किया था। इस मामले में मेडिकल कॉलेज के स्टाफ नर्स और लैब असिस्टेंट की संलिप्तता के बाद 12 मई को कमिश्नर राजीव शर्मा के निर्देश पर मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. मिलिंग शिरालकर ने तीनों कर्मचारियों को बर्खास्त किया। रैकेट में शामिल अमित फॉर्मा के संचालक अमित मिश्रा पर भी मामला दर्ज किया गया।
उमरिया में नहीं मिला शव वाहन, बाइक पर शव लेकर गए परिजन
एक दिन पहले उमरिया जिले के मानपुर अस्पताल में इलाज के पहुंचे पतौर निवासी आदिवासी युवक की मौत के बाद घर तक शव ले जाने के लिए शव वाहन नहीं मिलने का मामला भी सामने आया है। हालांकि इस मामले में उमरिया कलेक्टर ने जांच के निर्देश दिए हैं।