मध्यप्रदेश में कोरोना ने अब गांवों को घेर लिया है। 8 मई की रिपोर्ट से खुलासा हुआ है, 54% मामले गांवों में मिल रहे हैं। यानी 10 में से 5 से 6 मामले गांवों के ही हैं। इस दिन कुल 11,051 मामले सामने आए थे। इनमें से 5,967 ग्रामीण क्षेत्रों के थे। यही वजह है, किल कोरोना अभियान तेज करना पड़ा।

11 मई की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश के गांवों में 42,155 और संदिग्ध मरीज मिले। इसमें से 5,500 से ज्यादा को फीवर क्लीनिक और केविड केयर सेंटर भेज दिया गया है। यह स्थिति तब है, जब प्रदेश में केस घट रहे हैं। 12 मई की रिपोर्ट में 9 हजार से भी कम केस मिले थे, लेकिन केस स्टडी चिंता बढ़ा रही है। एक महीने पहले तक आधे से ज्यादा केस शहरों में मिल रहे थे।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक सप्ताह पहले चेतावनी दी थी कि गांवों में लोग नहीं संभले, तो स्थिति भयावह हो जाएगी। उन्होंने कहा था कि अब गांवों में भी संक्रमण फैल रहा है। ऐसे में जरा भी ढिलाई की, तो बड़े संकट में फंस जाएंगे। कोरोना कर्फ्यू को सख्ती से लागू करने का फैसला स्थानीय स्तर पर होगा।

अब कोरोना के जो आंकड़े आ रहे हैं, वह इसी ओर इशारा कर रहा है। आंकड़े बताते हैं कि पहली लहर में कोरोना की दस्तक गांवों में कम थी, लेकिन दूसरी लहर में गांवों में भी संक्रमण तेजी से फैल रहा है। ज्यादातर लोग जानकारी के अभाव में दम तोड़ दे रहे हैं। वजह है कि ग्रामीण इलाकों में इलाज की सुविधा भी नहीं है।

8 मई को संक्रमितों की संख्या घटने के बावजूद ग्रामीण इलाकों से ही ज्यादा रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस दिन शहरी क्षेत्रों में 5083 संक्रमित लोग मिले, जबकि ग्रामीण इलाकों में यह संख्या 5967 थी।

एक माह में बढ़े 5% संक्रमित

स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ाें के मुताबिक 1 माह में ग्रामीण इलाकों में कोरोना के केस 5% बढ़े हैं। 8 अप्रैल को 4,324 संक्रमित मिले थे। इसमें से 2,118 (49%) मरीज ग्रामीण और 2,306 (51%) मरीज शहरी क्षेत्रों में मिले थे, लेकिन 8 मई को यह आंकड़ा उलट गया है। इस दिन ग्रामीण क्षेत्रों से 54% और शहरी क्षेत्रों से 46% मरीज मिले। इससे साफ है कि शहरों की तुलना में गांवों में संक्रमण की रफ्तार तेज है।

गांवों की जिम्मेदारी प्रभारी मंत्री-सांसद को

गांवों में संक्रमण फैलने से रोकने के लिए प्रभारी मंत्री और सांसद जिम्मेदारी दी गई है। ब्लाॅक व गावं स्तर पर क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप बनाने के निर्देश सरकार दे चुकी है। दो दिन पहले गृह विभाग ने इस का आदेश भी जारी कर दिया है। SDM, जनपद पंचायत CEO, सभी राजनीतिक कार्यकर्ता, समाजसेवी, जन अभियान परिषद मिलकर ग्रामीण क्राइसिस मैनजमेंट ग्रुप बनाए जाएंगे।

गरीबों को इलाज, CT स्कैन और एंबुलेंस फ्री

मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीबों के लिए कोरोना का इलाज मुफ्त रहेगा। CT स्कैन और एंबुलेंस की सुविधा भी मुफ्त मिलेगी। उन्होंने कहा कि भोपाल से मुख्यमंत्री गांव में कोरोना को नहीं रोक सकता। यह जिम्मेदारी पंचायतों को लेनी होगी। उन्होंने कहा कि कई पंचायतों ने अपने स्तर पर जनता कर्फ्यू लगाकर कोरोना को बढ़ने से रोका है।

इसलिए शुरू हुआ किल कोरोना पार्ट-2

ग्रामीण इलाकों में बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए प्रदेश में 6 मई से किल कोरोना पार्ट-2 शुुरू किया गया है। जिसके तहत गांवों में मेडिसिन किट बांटना शुरू किया गया है। इसके साथ ही सदी, बुखार, जुकाम और खांसी के मरीजों की पहचान कर उन्हें इलाज मुहैया कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री इसकी प्रतिदिन समीक्षा भी कर रहे हैं।