
पानी दिलाने के वादे के तीन साल गुजरे, छतरपुर जिले का एक गांव आज भी सूखा
वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव के वक्त गांव में अपना प्रचार करने आये नेताओं को ग्रामीणों ने एक ही नारा सुनाया था- ’नेताजी तुम कर लो नोट, पहले पानी बाद में वोट।’ नेताओं ने ग्रामीणों को पानी दिलाने का वादा भी किया था। परन्तु विधानसभा चुनाव सम्पन्न हुये करीब तीन वर्ष बीत जाने के बाद भी यह गांव आज भी सूखा है। हालत यह है कि इस भीषण गर्मी में गांव के सैंकडों ग्रामीणों को दूसरे गांव से पानी लाना पड रहा है। यह हाल हैं मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले की लवकुश नगर तहसील/जनपद के कोरीनपूरवा गांव के। अनुसूचित जाति वर्ग बाहुल्य इस गांव के ग्रामीणजन करीब एक-डेढ किमी दूर स्थित दूसरे गांव से पानी लाकर अपनी रोजमर्रा की जरूरत पूरी कर पा रहे हैं। यहां के ग्रामीणों का कहना है कि जैसे ही गर्मी आती है, गांव के सभी हैण्डपम्पों का जलस्तर तेजी से नीचे गिरने लगता है। देर तक हैण्डपम्प चलाने पर भी बडी मुश्किल से एक बाल्टी ही पानी मिल पाता है। मई-जून आते तक तो पानी की किल्लत एक विकराल समस्या बन जाती है। इस मामले में आयोग ने कलेक्टर, छतरपुर एवं सीईओ, जनपद पंचायत लवकुश नगर, जिला छतरपुर से जांच कराकर पेयजल व्यवस्था के संबंध में की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन 15 दिवस में मांगा है।