लखनऊ । उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के साथ-साथ चार विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले उपचुनाव के दौरान एग्जिट पोल पर प्रतिबंध रहेगा। 19 अप्रैल को सुबह सात बजे से एक जून शाम 6ः30 बजे के बीच किसी भी प्रकार के एग्जिट पोल के परिणाम के प्रकाशन व प्रचार प्रसार करने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
यूपी के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि इस दौरान कोई भी व्यक्ति मत सर्वेक्षण के परिणाम का प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से प्रकाशन या प्रसारण नहीं करवा सकेगा। एग्जिट पोल पर प्रतिबंध मतदान के शुरू होने से लेकर मतदान समाप्त होने के आधे घंटे बाद तक जारी रहेगा। कोई व्यक्ति इसका उल्लंघन करता पाया जाएगा, तो उसे दो वर्ष तक कारावास की सजा और जुर्माना या फिर दोनों से दंडित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन पर दो साल की जेल और जुर्माना लग सकता है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि आदर्श आचार संहिता के दौरान फेक न्यूज और पेड न्यूज की पहचान व कार्रवाई के लिए निर्वाचन आयोग ने एसओपी तैयार किया है। मीडिया सर्टिफिकेशन एंड मॉनिटरिंग कमेटी (एमसीएमसी) राजनीतिक विज्ञापनों के पूर्व प्रमाणन, पेड न्यूज, रिपोर्टिंग एवं मीडिया के उल्लंघनों की सघन मॉनिटरिंग कर रही है। राजनीतिक विज्ञापन एमसीएमसी के प्रमाणित करने के बाद ही इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर प्रसारित किए जा सकते हैं। ऐसे विज्ञापन को प्रकाशित या फिर प्रसारित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी जो धर्म, जाति, भाषा के आधार पर किसी भी समुदाय को आहत करता हो। यही नहीं प्रचार सामग्री पर प्रिंटिंग प्रेस व पब्लिशर की पूरी जानकारी होनी जरूरी है।
एक जून तक एग्जिट पोल पर प्रतिबंध, उल्लंघन पर दो साल की जेल और जुर्माना
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