लखनऊ । गोमती को निर्मल और अविरल बनाने के लिए स्वच्छता अभियान की शुरुआत करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह और जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने साबरमती की तर्ज पर कुड़िया घाट से लामार्टिनियर कालेज तक तट विकसित करने का वादा किया। पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी के स्वप्न 'स्वच्छ गोमती' को पूरा करने के लिए मंगलवार को झूलेलाल पार्क में आयोजित पर्यावरण स्वच्छता जागरूकता कार्यक्रम में दोनों केंद्रीय मंत्रियों ने गोमती को लखनऊ का गौरव बनाए रखने का संकल्प दिलाया। कहा कि साबरमती नदी को माडल मानकर गोमती सफाई के लिए शीघ्र ही विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार कर काम को आगे बढ़ाया जाएगा।

जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने बताया कि गोमती को निर्मल और अविरल बनाने के लिए सर्वेक्षण हो चुका है। नालों व सीवर लाइन की गंदगी को रोकने के लिए प्लान भी तैयार किया जा रहा है। गोमती को ऐसा स्वच्छ बनाना है कि जैसे नरेंद्र मोदी ने साबरमती के तट पर चीन के प्रधानमंत्री का स्वागत किया, उसी तरह राजनाथ सिंह भी विदेशी मेहमानों का स्वागत गोमती के तट पर कर सकें। जिस दिन गोमती स्वच्छ होगी , उसी दिन लखनऊ से पेयजल संकट भी समाप्त हो जाएगा।

केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जिस देश की नदियां सूखने लगती हैं, उसका भाग्य भी सूखने लगता है। केंद्र का उद्देश्य देश को आध्यात्मिक शक्ति के रूप में विकसित करना है। उन्होंने नदियों के उत्थान में कोई कमी न आने देने का वादा किया।

हिमयुग की समाप्ति

केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह कांग्रेस व विपक्षी दलों पर निशाना साधने से भले ही बचते रहे, लेकिन उमा भारती ने पूर्ववर्ती केंद्र सरकार को आड़े हाथ लिया। कहा कि देश अब दस साल के हिमयुग से निकल आया है। विकास को गति मिलेगी और विश्व में हमारा सम्मान बढ़ने लगा है। केंद्र में गंगा शुद्धीकरण अभियान को जल संसाधन मंत्रालय से जोड़े जाने को प्रमुख उपलब्धि बताते हुए उन्होंने कहा कि तीन साल में ही गंगा निर्मल दिखने लगेगी और दस वर्ष में पूरी तरह स्वच्छ हो जाएगी।

इस मौके पर पूर्व सांसद लालजी टंडन ने कहा कि जिस दिन गोमती खत्म हो जाएगी उसी दिन हम समाप्त हो जाएंगे। अभियान में शहर के कई कालेज, एनसीसी कैटेड्स और सामाजिक संस्थाओं ने सहयोग किया।

44 श्रम कानूनों पर पुनर्विचार

राजनाथ सिंह ने एक अन्य कार्यक्रम में मंगलवार को पेंशनधारकों का सम्मान करते हुए कहा कि कुछ श्रम कानून श्रमिकों और नियोक्ताओं के कल्याण में अड़चन बने हुए हैं। सरकार ऐसे 44 श्रम कानूनों पर पुनर्विचार कर रही है। जरूरत पड़ी तो अप्रासंगिक कानूनों को खत्म किया जाएगा।

सीएमएस सभागार में न्यूनतम पेंशन सीमा एक हजार रुपये किए जाने के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने बताया कि 12 ऐसे कानून हैं जिनमें संशोधन किया जाएगा। उन्होंने पेंशनवृद्धि से करीब 11 हजार करोड़ रुपये का बोझ जनता पर नहीं पड़ने देने का आश्वासन भी दिया।

नहीं रहेगा कोई बेरोजगार

राजनाथ सिंह मेक इन इंडिया की चर्चा करने से नहीं चूके। कहा कि उद्देश्य देश में बेरोजगारी को समाप्त करना है। विश्व में लोग मेड इन इंडिया के सामान खरीदने के लिए उत्सुक दिखेंगे। इसके लिए 25 ऐसे क्षेत्र भी चिह्नित किए गए हैं, जहां विदेशी पूंजी निवेश को बढ़ोतरी देने की बात चल रही है।

लखनऊ में झाड़ू लगाएंगे राजनाथ

राजनाथ सिंह ने कहा कि दो अक्टूबर को स्वच्छता अभियान पर वह लखनऊ में चारबाग स्टेशन पर झाड़ू लगाएंगे। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लालकिले पर तथा सभी मंत्री अपने क्षेत्र में इस अभियान में हिस्सा लेंगे।