कानपुर  पंचायत चुनाव में सपा अपने गढ़ बचाने के साथ-साथ काफी मजबूती स्थिति में रही। वहीं, भाजपा अधिकतर जिलों में पिछड़ गई। बसपा एक-दो जिलों में ही मजबूत दिख रही है लेकिन निर्दलीय प्रत्याशियों ने सभी की गणित बिगाड़ दी । हर जिले में बड़ी संख्या में निर्दलीय जीते हैं। इसमें से अधिकतर भाजपा से बगावत करके चुनाव लड़े हैं, दूसरी पार्टियों के कुछ बागी भी चुनाव जीते हैं। कई जिलों में निर्दलीय, अध्यक्ष बनाने में निर्णायक भूमिका में रहेंगे। कांग्रेस कहीं नजर नहीं आ रही है।

इटावा में सपा का जिला पंचायत अध्यक्ष फिर तय है, यहां सपा-प्रसपा ने मिलकर चुनाव लड़ा है। औऱैया में सपा, भाजपा से मामूली अंतर से आगे दिख रही है। यहां निर्दलियों की संख्या बसपा से ज्यादा दख रही है, यहीं निर्दलीय अंततः जिला पंचायत अध्यक्ष बनवाने में निर्णायक होंगे। कन्नौज में भी सपा मजबूत दिखाई पड़ रही है। यहां कई सपा प्रत्याशी आगे चल रहे हैं लेकिन भाजपा भी कड़ी टक्कर दे रही है। कानपुर में भी भाजपा, सपा से पिछड़ गई। सपा ने 11 तो भाजपा ने 8 सीटें जीतीं। यहां 6 सीटों के साथ बसपा को भी अच्छी सफलता मिली लेकिन जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने में मुख्य भूमिका सात सीटों पर जीते निर्दलियों की होगी। फतेहपुर में सभी दलों को निर्दलीय पटकनी देते नजर आ रहे हैं, यहां आधी से अधिक सीटों पर निर्दलीय जीत रहे हैं। इसमें बड़ी संख्या में भाजपा के बागी शामिल हैं। यहां सबसे बड़ा दल भाजपा ही दिखाई पड़ रहा है लेकिन सपा ठीक उसके पीछे हैं। बसपा और कांग्रेस यहां बराबर पर खड़े दिखाई दे रहे हैं। कानपुर देहात की 32 सीटों में सपा काफी आगे है जबकि भाजपा पीछे-पीछे लड़ती दिख रही है। बड़ी संख्या में भाजपा और सपा के बागी भी यहां चुनाव जीतते दिख रहे हैं। हरदोई में भाजपा बाकी दलों से काफी आगे दिख रही है, एक तिहाई से ज्यादा सीटों पर भाजपा की सीधी जीत दिख रही है। यहां दूसरे नंबर पर निर्दलियों की संख्या है। इसके बाद सपा और फिर बसपा दिख रही हैं। फर्रुखाबाद में सपा काफी मजबूत स्थिति में है, दूसरे नंबर पर भाजपा दिख रही है लेकिन बड़ी संख्या में निर्दलीय जीतने से जिला पंचायत अध्यक्षी में खासे संघर्ष की संभावना है।

बुन्देलखंडः सपा-बसपा का मिलाजुला दबदबा

बुन्देलखंड में विधानसभा चुनाव के उलट सपा-बसपा का दबदबा दिख रहा है। यहां कहीं सपा तो कहीं बसपा आगे है, भाजपा सभी जिलों में लड़ाई में है लेकिन इन दोनों दलों से पिछड़ती नजर आ रही है। महोबा में सपा, भाजपा से एक सीट से आगे है लेकिन बसपा और कांग्रेस साफ हैं। यहां सबसे अधिक सात निर्दलीय प्रत्याशी जीते हैं। हमीरपुर में भाजपा और सपा ने 5-5 सीटों पर जीत हासिल की है। यहीं पांच निर्दलीय भी जीते हैं, जबकि बसपा दो पर सिमट गई है। उरई में बसपा सबसे आगे है, जबकि भाजपा दूसरे नंबर पर है। यहां भी भाजपा के बराबर ही निर्दलीय प्रत्याशी जीते हैं जो जिपं अध्यक्षी में निर्णायक होंगे। ललितपुर में भी सपा, भाजपा से एक सीट आगे है। बसपा यहां काफी पीछे है, पर पांच सीटों पर निर्दलीय जीते हैं। बांदा में बसपा ने अपनी स्थिति फिर मजबूत की है। यहां बसपा 11 जबकि भाजपा सात सीटों पर जीतती दिख रही हैं। बड़ी संख्या में यहां भाजपा बागियों ने जीत दर्ज की जिसमें पूर्व मंत्री शिवशंकर सिंह पटेल की पत्नी कृष्णा पटेल भी शामिल हैं। चित्रकूट में सपा काफी आगे है, यहां करीब-करीब आधी सीटों पर सपा की जीत निश्चित दिख रही है। दूसरे नंबर पर भाजपा जबकि बसपा काफी पीछे हैं। झांसी में सपा-बसपा के बीच रस्साकसी जारी है, भाजपा यहां तीसरे नंबर पर दिख रही है।