नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दो अक्टूबर से शुरू किए जाने वाले स्वच्छ भारत अभियान को सर्मथन देने के साथ कुछ सवाल भी खड़े किए हैं।

सरकार की तरफ से सभी राजनीतिक दलों से अभियान में सहयोग देने की अपील के केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू के पत्र का जवाब देते हुए केजरीवाल ने कहा कि हम चाहते हैं कि स्वच्छ भारत अभियान रोजाना चलना चाहिए। दो अक्टूबर से शुरु किया जाने वाला यह अभियान सिर्फ केंद्रीय मंत्रियों के फोटो खिंचवाने मात्र तक सीमित नहीं रहना चाहिए।

केजरीवाल ने लिखा है, आपकी तरफ से 23 सितंबर को लिखा गया पत्र मिला है। इस पत्र में आपने स्वच्छ भारत अभियान में आप का सर्मथन मांगा है। देश का ऐसा कोई भी नागरिक नहीं होगा जो साफ सुथरा भारत नहीं चाहता हो। प्रत्येक मानव अपने आसपास साफ सफाई चाहता है। हमारे पार्टी के नेता और वालंटियर्स नियमित रुप से श्रमदाम करते हैं और झाडू लेकर आसपास सफाई करते हैं।

केजरीवाल ने दावा किया है कि मीडिया में ऐसी खबरें हैं कि कुछ केंद्रीय मंत्री केवल फोटो खिंचाने के लिए इस अभियान का इस्तेमाल करने में जुटे हुए हैं। उन्होंने लिखा है, आप मेरी इस बात से सहमत होंगे कि हम केवल ऐसी कार्रवाई से देश को साफ नहीं कर सकते हैं। ऐसा सुना है कि प्रधानमंत्री दो अक्टूबर को वाल्मीकि सदन से हाथ में झाडू उठाकर इसकी शुरुआत करेंगे। यह अच्छा है, किंतु यह केवल प्रतीकात्मक है।

मीडिया में ऐसी खबरें हैं कि मंदिर मार्ग स्थित वाल्मीकि बस्ती से मोदी अपने स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत करेंगे। यह क्षेत्र केजरीवाल के विधानसभा के तहत आता है।

केजरीवाल ने कहा, इस तरह के प्रतीकात्मक कदम से लोग प्रभावित हो सकते हैं। किंतु इसमें कोई संदेह नहीं है कि इस तरह के प्रयास से देश साफ नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि देश को स्वच्छ बनाने के लिए कुछ कदमों को उठाने की जरुरत है। सफाई र्कमचारियों को ठेकेदारों के चंगुल से बाहर निकालकर उनकी सेवाओं को नियमित करना होगा। इन्हें अच्छा वेतन और काम करने का बेहतर अवसर मुहैया कराना होगा। वर्तमान में सफाई का जो अमानवीय तरीका अपनाया जाता है उसे तुरंत बंद करने के साथ ही आधुनिक किस्म की प्रौद्योगिकी इस्तेमाल करनी होगी। सफाई करने वाले कर्मचारियों को आधुनिक किस्म के उपकरण मुहैया कराने होंगे।

केजरीवाल ने कहा कि सफाई के नाम पर स्थानीय नगर निगम करोड़ों रुपये खर्च करते हैं और इन निगमों में भ्रष्टाचार का बोलबाला है। अगर हम वास्तव में भारत में सफाई चाहते हैं तो हमें भ्रष्टाचार को जड़मूल से नष्ट करना होगा। उन्होंने कहा है कि आप दो अक्तूबर के बाद भी सफाई अभियान को जारी रखेगी।