नई दिल्ली। महाराष्ट्र में कांग्रेस-एनसीपी का गठबंधन टूटने के बाद अब आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। महत्वपूर्ण बात ये है कि इस बयानबाजी में दोनों पार्टियों के शीर्ष नेता उलझे हैं। एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने गठबंधन टूटने के लिए राहुल गांधी को जिम्मेदार ठहराया है तो वहीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शरद पवार के इस आरोप को खारिज कर दिया है।

गौरतलब है कि कांग्रेस-एनसीपी में सीटों के बंटवारे को लेकर विवाद शुरू हुआ था और मुख्यमंत्री के पद की एनसीपी की मांग ठुकराने के चलते गठबंधन टूट गया। अब दोनों ही दलों ने विधानसभा चुनाव में अकेले एक-दूसरे के खिलाफ उम्मीदवार खड़े किए हैं। राज्य में 15 अक्टूबर को वोट डाले जाने हैं जबकि 19 अक्टूबर को नतीजे घोषित होने हैं।

एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार के मुताबिक काफी समय से राहुल गांधी और उनकी टीम साथी दल को दरकिनार करने की कोशिश कर रहे थे। पवार के मुताबिक एनसीपी को हाशिये पर लाने को लेकर जारी तमाम गतिविधियों की जानकारी उनको थी। पवार ने कहा कि, जिस तरह से एनसीपी के साथ व्यवहार किया जा रहा था, हमें पहले ही एहसास हो गया था कि ये गठबंधन और ज्यादा नहीं चल सकता।

पवार ही नहीं पार्टी नेता प्रफुल्ल पटेल ने भी आरोप लगाया कि कांग्रेस उनकी पार्टी एनसीपी के खिलाफ साजिश रच रही थी। राहुल को गठबंधन टूटने के लिए जिम्मेदार ठहराए जाने के बाद खुद सोनिया गांधी ने सामने आकर अपने बेटे का बचाव किया। सोनिया गांधी ने कहा कि राहुल गांधी या फिर वो गठबंधन टूटने के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।

महाराष्ट्र कांग्रेस के नेताओं ने एनसीपी पर पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि एनसीपी को ही सत्ता में बने रहने का शौक है इसीलिए सीटों के बंटवारे के वक्त एनसीपी ने बीजेपी के साथ पोस्ट पोल गठबंधन की डील कर ली है। हालांकि खुद पवार बीजेपी के साथ जाने की किसी भी अटकल को खारिज करते हैं। पवार ने कहा कि बीजेपी के साथ जाने का सवाल ही नहीं उठता और इस बारे में तमाम अटकलें महज अफवाह हैं। ध्यान देने वाली बात ये भी है कि पवार ने कांग्रेस के साथ चुनाव बाद गठबंधन से इनकार नहीं किया है।