भोपाल । सायबर क्राइम ब्रांच की टीम ने फर्जी लोन ऐप के माध्यम से लोगों के साथ ब्लैकमेल कर ठगी करने वाले गिरोह के तीन जालसाजों को मुंबई से गिरफ्तार है। आरोपी लोन के बदले करीब चालीस फीसदी का ब्याज वसूल करते थे। लोगों को ब्लैकमेल करने के लिए वह परिजनों और रिश्तेदारों को न्यूड फोटो भेजते थे और आधार कार्ड भेजकर संबंधित व्यक्ति के अपहरण की बात कहकर रुपए वसूल करते थे। आरोपियों ने भोपाल के एक व्यक्ति को 50 हजार रुपए का लोन देकर 14 लाख रुपये वसूल किए थे। परेशान होकर पीड़ित ने मामले की शिकायत सायबर क्राइम ब्रांच में की थी। डीसीपी क्राइम ब्रांच श्रुतकीर्ति सोमवंशी ने बताया कि इस मामले की शिकायत जवाहर चौक निवासी सुबोध नामक व्यक्ति ने की थी। सुबोध ने पुलिस को बताया कि उन्होंने एक आनलाइन कंपनी से 50 हजार रुपये का लोन लिया था। कंपनी वालों ने ब्याज की चालीस प्रतिशत रकम काटकर उन्हें 30 हजार रुपए दिए। लोन लेने के पांच दिन बाद ही कंपनी वाले पैसा लौटाने के लिए दबाव बनाने लगे। वह लोन के बदले करीब 14 लाख रुपये का भुगतान कर चुके हैं, लेकिन कंपनी वाले और पैसों की मांग कर रहे हैं। इतना ही नहीं आनलाइन ऐप वाले उनके फोटो को एडिट कर अश्लील बनाकर परिजन और कांटेक्ट लिस्ट में शामिल लोगों को भेज रहे हैं। वह शिकायतकर्ता के दोस्तों और परिजनों को आधार कार्ड भेजकर बताने लगे उसका अपहरण कर लिया गया है। इस मामले में सायबर क्राइम ब्रांच ने शिकायत के आधार पर आनलाइन ऐप कंपनी के अधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ धारा 386, 387, 507, 306, 109, 511, 120बी भादवि के तहत केस दर्ज किया था।
मुंबई में चला रहे थे ठगी का काल सेंटर
एडिशनल डीसपी क्राइम ब्रांच शैलेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि आरोपियों के करीब एक दर्जन मोबाइल नंबर मिले थे, जिनके माध्यम से वह फरियादी को धमका रहे थे। मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपियों की तलाश में पुलिस की एक विशेष टीम लगाई गई थी। तकनीकी जांच के बाद पुलिस टीम ने आरोपी अरविंद यादव (27) निवासी समता नगर, एरोली नाका नवी मुम्बई, आदर्श तिवारी (24) निवासी सेक्टर-3, एरोली नवी मुम्बई और शेख सद्दाम (29) निवासी शिवाजी नगर, मानखुर गोवंडी मुम्बई महाराष्ट्र को गिरफ्तार किया है। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने फर्जी लोन ऐप के माध्यम से लोगों को लोन देकर अधिक ब्याज वसूलने और ब्लैकमेल कर पैसा ऐंठने की बात स्वीकार की है। आरोपियों के पास से तीन मोबाइल फोन, आईडी कार्ड, एक डायलर कम्प्यूटर आईडी, एक सीपीयू जब्त किया गया है। आरोपी मुंबई में ठगी के लिए फर्जी ऐप लोन का काल सेंटर चला रहे थे।
इस प्रकार देते थे घटना को अंजाम
आरोपी फर्जी लोन ऐप के माध्यम से बगैर ब्याज के लोन का आफर देते थे। जब कोई व्यक्ति लोन लेने के लिए तैयार होता तो वह चालीस प्रतिशत ब्याज के पहले ही काट लेते थे। पचास हजार के लोन पर तीस हजार रुपये और एक लाख रुपये के लोन पर साठ हजार रुपये का लोन देते थे। कुछ ही दिनों बाद वह पैसा वापस करने के लिए दबाव बनाना शुरू कर देते थे। लोग जब पैसा देने में असमर्थता जताते तो वह ग्राहक की फोटो एडिट कर उसे अश्लील और न्यूड बनाकर परिजन और रिश्तेदारों को भेजने लगते थे। बदनामी से बचने के लिए लोगों को पैसा जमा करना मजूबरी बन जाती थी। पुलिस यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि आरोपियों अब तक कितने लोगों के साथ कितनी रकम की ठगी की है।