मुख्यमंत्री बनने के बाद चंपई सोरेन पहली बार बुधवार को सरायकेला-खरसावां जिले के गम्हरिया में स्थित अपने पैतृक गांव जिलिंगगोड़ा पहुंचे। यहां उन्होंने माझी थान में पूजा-अर्चना कर पत्रकारों से कहा कि हेमंत बाबू ने राज्य के विकास के लिए काफी सुंदर योजनाएं बनाई हैं।

आज किसी गांव में एक आदमी नहीं मिलेगा, जिसे पेंशन नहीं मिल रही हो। गांव-गांव में पूछ-पूछकर योजना बनाई गई हैं। यही बात विरोधी को नहीं पची। उनके पेट में दर्द होने लगा। यहां जब भी कोई आदिवासी नेतृत्व उभरता है, उसे किसी न किसी तरह बदनाम कर दिया जाता है।

उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि समेत हर क्षेत्र-हर वर्ग के लिए बिना भेदभाव के योजना बनाई है, जिसका लाभ सभी को मिल रहा है। गांव में आर्थिक समृद्धि लाने के लिए हेमंत बाबू ने ग्राम गाड़ी योजना शुरू की।

मूलवासियों का धार्मिक स्थान भी सुरक्षित किया जाएगा

इसी क्रम में सीएम ने कहा कि जिस तरह से आदिवासियों के सरना स्थल, जाहेरथान-माझी थान का सुंदरीकरण किया गया है, उसी तरह मूलवासियों का धार्मिक स्थान भी सुरक्षित किया जाएगा। आदिवासी-मूलवासी ने इस राज्य के लिए बहुत संघर्ष किया है। इन सबके बावजूद हमने अपनी परंपरा नहीं छोड़ी।

माझी थान या गोसेड़ थान हमारे लिए बहुत पवित्र स्थल है। गांव में आने पर सबसे पहले वहां प्रणाम करके घर में प्रवेश करते हैं और बाहर जाने पर भी उनसे आज्ञा लेकर ही निकलते हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री ने जिलिंगगोड़ा में वीर शहीद डिब्बा-किशुन की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि भी दी।

करीब डेढ़ बजे अपने गांव पहुंचे थे सीएम

एक सवाल के जवाब में सीएम ने कहा कि मंत्रिमंडल का विस्तार बहुत जल्द किया जाएगा। मुख्यमंत्री हेलिकाप्टर से दोपहर करीब डेढ़ बजे अपने गांव पहुंचने के बाद पास में ही अपने निजी सचिव गुरुप्रसाद महतो के गांव तिरिलडीह गए। उनके पिता राधागोविंद महतो का मंगलवार सुबह निधन हो गया था।

मुख्यमंत्री ने शोक संतप्त परिवार को सांत्वना दी। शाम करीब तीन बजकर 45 मिनट पर मुख्यमंत्री हेलिकाप्टर से रांची रवाना हो गए।

इस अवसर पर कोल्हान के डीआइजी अजय लिंडा, उपायुक्त रविशंकर शुक्ला, एसपी डॉ. विमल कुमार सहित सरायकेला-खरसावां जिले के लगभग सभी प्रशासनिक पदाधिकारी उपस्थित रहे। अपराह्न करीब तीन बजकर 45 मिनट पर मुख्यमंत्री हेलिकाप्टर से रांची के लिए रवाना हो गए।