प्योंगयांग । एक तरफ दुनिया कोरोना महामारी के संकट से जूझ रही है, तो दूसरी ओर उत्तर कोरिया अपने हथियारों का जखीरा बढ़ाने में लगा है। खबर है कि कोरिया जल्द ही सबमरीन से लांच होने वाली परमाणु संपन्न बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण करने वाला है। तीन हजार टन वजन वाली सबमरीन में तीन मिसाइल तैनात हो सकती हैं। पैसिफिक महासागर से इससे गुवाम, हवाई और अमेरिका को भी निशाना बना सकता है।
प्योंगयांग के इस कदम को उत्तर-पूर्व एशिया और अमेरिका की स्थितरता के लिए खतरा माना जा रहा है। वॉशिंगटन डीसी के थिंक टैंक द सिमोंस सेंटर के विशेषज्ञ लंबे समय से उत्तर कोरिया शिनपो शिपयार्ड में जारी इस प्रोजेक्ट पर निगाह रखे हुए हैं। नई उपग्रह तस्वीरों में दिख रहा है कि जिस हॉल में सबमरीन बन रही है, उसके बाहर की तैयारियां बताती हैं कि पोत लांचिंग को तैयार है। जुलाई 2019 में उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग उन के शिपयार्ड का दौरा करने के बाद सबमरीन की फोटो जारी हुई थी। कंस्ट्रक्शन साइट पर जहां पहले सामान पड़ा था वह जगह भी खाली हो गई है।
विशेषज्ञ के अनुसार परमाणु क्षमता से संपन्न पुकगुकसॉन-3 मिसाइल की मारक क्षमता 1900 किमी है। सबमरीन 1950 के सोवियत डीजल इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन व मिसाइल लांच टेक्नोलॉजी पर आधारित है, जो अब ज्यादा कारगर नहीं है। अमेरिका पर हमला करने के लिए सबमरीन को आने-जाने में 12 हजार किमी दूरी तय करनी पड़ेगी। जबकि इसकी कुल क्षमता सात हजार किमी ही है। जैसे ही यह पानी में उतरेगी, इसकी खबर दुनिया को हो जाएगी। उत्तर कोरिया के पास पैसिफिक महासागर की गहराई, मौसम, लहरों की ताकत जानने लायक तकनीक नहीं है। अगर सबमरीन समुद्र में भटक गई तो कोरिया उसे खोज पाने में समर्थ नहीं है। वहीं, इस इलाके में जापान की सख्त निगरानी है।
सबमरीन से परमाणु संपन्न बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण करेगा उत्तर कोरिया
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