भोपाल । मैहर में पहाड़ी पर बने शारदा माता मंदिर के संरक्षण को लेकर लापरवाही पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल [एनजीटी] ने नाराजगी जताई है। पर्यावरण मामलों से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस दलीप सिंह ने प्रदेश सरकार को मंदिर संरक्षण की विस्तृत कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए।
ट्रिब्यूनल की सेंट्रल जोन बेंच, भोपाल ने एडवोकेट नित्यानंद मिश्रा की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा मंदिर की पहाड़ी के आसपास खदानें होने से भूस्खलन की स्थिति बन रही है।
याचिका में सेंट्रल बिल्िडग रिसर्च इंस्टीट्यूट रुड़की की रिपोर्ट का हवाला दिया गया था, जिसके मुताबिक शारदा मंदिर की संरचना में मिट्टी सबसे ज्यादा है। कुछ वर्षो में मंदिर की 650 फीट ऊंची पहाड़ी पर शीर्ष स्थल पर कई निर्माण हुए हैं। तलहटी से लगे इलाके में बेजा खनन की अनुमति जिला प्रशासन ने जारी की हैं। इससे पहा़़डी पर भू-स्खलन की स्थिति बन रही है। याचिका में पेश तर्को और साक्ष्यों के आधार पर ट्रिब्यूनल ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर 24 सितंबर को जवाब पेश करने कहा है।
मंदिर समिति भी दे जवाब
एनजीटी ने शारदा माता मंदिर प्रबंधन समिति से भी जवाब तलब किया है। जस्टिस दलीप सिंह ने प्रबंधन समिति से पूछा है कि किस आधार पर पहाड़ी के शीर्ष पर निर्माण कराए हैं। पहाड़ी पर बने निर्माणों के लिए ड्रेनेज के पुराने इंतजामों से कई स्थानों पर जल भराव हो रहा है जिस पर प्रबंधन समिति को जवाब देने कहा गया है। सतना कलेक्टर और निगमायुक्त को प्रदूषण बोर्ड और समिति प्रबंधन के साथ मिलकर संरक्षण योजना तैयार करने कहा गया है।