मुंबई : परोक्ष रूप से अपने पूर्व सहयोगी भाजपा पर निशाना साधते हुए शिवसेना ने शनिवार को कहा कि यह उसके नेता बाल ठाकरे थे जो हिंदुत्व के लिए खड़े हुए जबकि दूसरों ने इसका ‘राजनीतिक फायदे के लिए’ इस्तेमाल किया। पार्टी ने आगाह करते हुए कहा है कि महाराष्ट्र को जीतने की इच्छा लेकर जो भी आए वे राज्य की जमीन में ही दफन हो गए।पार्टी ने भाजपा को केंद्र की सत्ता में लाने का श्रेय दिवंगत बाल ठाकरे के प्रयासों को दिया ।
शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में कहा गया है, ‘लड़ाई (15 अक्तूबर को विधानसभा चुनाव) आत्मसम्मान की है।’ मुखपत्र ने कहा है, ‘चाहे औरंगजेब हो या अफजल खान, जो भी निहित स्वार्थ के साथ आए या तो दफन हो गए या नष्ट हो गए।’ सामना में कहा गया है, ‘शिवाजी महाराज के बाद, बाल ठाकरे थे जिन्होंने इतिहास बनाया। शिवाजी ने हिंदवी स्वराज्य बनाया, लेकिन ये शिवसेना के दिवंगत प्रमुख थे जिनकी देश में हिंदुत्व पताका फहराने की प्रतिबद्धता थी।’ ‘मुंह में राम बगल में छुरी’ रुख वाले नेताओं पर पार्टी ने हैरानी जाहिर की है।
संपादकीय में कहा गया है कि महाराष्ट्र और देश में हिंदुत्व का प्रचार सुनिश्चित करने के लिए दिवंगत ठाकरे को कई हमलों का सामना करना पड़ा। जैसा औरंगजेब के मामले में हुआ, वैसे ही नये औरंगजेब परास्त हो जाएंगे। इसका फल दिल्ली और महाराष्ट्र में आज दिखा है। भाजपा नेतृत्व पर परोक्ष रूप से हमला करते हुए मुखपत्र में कहा गया है, ‘औरंगजेब ने मराठा शासन को उखाड़ फेंकने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हो पाया।’
फतह के लिए आए औरंगजेब को धूल चाटनी पड़ी। महाराष्ट्र ने हमेशा राष्ट्र हित को तवज्जो दी है। पार्टी राजनीतिक फायदे के लिए ढाल के तौर पर हिंदुत्व का इस्तेमाल नहीं करती। विधानसभा चुनावों में सीट बंटवारा मुद्दे पर इस सप्ताह 25 साल पुराना शिवसेना-भाजपा गठबंधन टूट गया।
महाराष्ट्र को जीतने की चाह लेकर जो भी आए \'दफन\' हो गए: शिवसेना
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