बेड से लेकर श्मशान तक में वेटिंग
मप्र के गुना, अनूपपुर, मंडला और देवास और छत्तीसगढ़ के बिलासपुर, सरगुजा, गरियाबंद और जांजगीर-चाम्पा जिले में भी लॉकडाउन
छग में पिछले 24 घंटे में रिकॉर्ड 97 लोगों की मौत, इनमें अधिकतर रायपुर और दुर्ग जिलों के
नई दिल्ली/भोपाल/रायपुर/मुंबई| दुनियाभर में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। पिछले 24 घंटे में कोरोना के 7.03 लाख नए मामले सामने आए। इस दौरान 11,274 लोगों की मौत भी हुई। वहीं भारत में अब भी रोजाना दुनिया में सबसे ज्यादा संक्रमित मिल रहे हैं। बीते 24 घंटे में यहां 1.52 लाख से अधिक लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई। उधर मप्र और छग में कोरोना संक्रमण से मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं। दोनों राज्यों के कई शहरों में बेड से लेकर श्मशानों तक में वेटिंग चल रही है। देश में महाराष्ट्र के साथ ही मप्र और छग में कोरोना की स्थिति घातक होती जा रही है। मप्र में पिछले 24 घंटे में 5939 पॉजिटिव केस मिले हैं। इस दौरान 24 मौतें हुईं। अप्रैल माह के 10 दिन के आंकड़े देखे तो प्रदेश में इस दौरान 40,088 संक्रमित मिले हैं। जबकि एक्टिव केस 16 हजार बढ़ गए हैं। यानी 10 दिन में 54 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। यही वजह है कि सरकार ने पहले पूरे प्रदेश में वीक एंड लॉकडाउन किया था, लेकिन अब 16 शहरों में 7 से 10 दिन की अवधि को बढ़ा दिया है।
10 दिन में 40 हजार से ज्यादा संक्रमित
रतलाम, उज्जैन, बैतूल, छिंदवाड़ा, बड़वानी, बालाघाट, उमरिया, झाबुआ और कटनी में 100 से अधिक केस मिले हैं। प्रदेश में मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। पिछले 10 दिन में 186 लोागें की मौत कोरोना से हो चुकी है। इसमें 10 अप्रैल को दर्ज 24 मौतें भी शामिल हैं। कोरोना से अब तक 4148 लोगों की जान जा चुकी है। भोपाल, इंदौर, जबलपुर के बाद अब ग्वालियर और उज्जैन में कोरोना ने तेजी से पैर पसारना शुरू कर दिया है। यहां पिछले 24 घंटे में रिकार्ड 458 पॉजिटिव केस मिले हैं। जबकि 3 मरीजों ने इलाज के दौरान दम तोड़ा है। उज्जैन में भी 218 केस मिले हैं। प्रदेश में एक्टिव केस का आंकड़ा 35 हजार के पार हो गया है। यही वजह है कि सरकार ने अब अस्पतालों में 1 लाख बेड का इंतजाम करने की तैयारी शुरू कर दी है। हर जिले में कोविड केयर सेंटर भी शुरू किए जा रहे हैं।
4 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन इंदौर पहुंचाए
खाद्य सुरक्षा आयुक्त पी नरहरि ने बताया कि सरकारी अस्पतालों के लिए इंदौर में 4 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन इंदौर पहुंचा दिए गए हैं। बता दें कि मध्य प्रदेश में कोरोना मरीजों की संख्या में वृद्धि के साथ रेमडेसिविर इंजेक्शन की डिमांड तेजी से बढ़ी है। भोपाल, इंदौर सहित बड़े शहरों में इस इंजेक्शन का स्टॉक खत्म हो चुका है। अब सरकार ने इसके इस्तेमाल के लिए नए निर्देश जारी कर दिए है। यह इंजेक्शन केवल उन मरीजों को दिया जाएगा, जिन्हें इलाज के दौरान हर रोज 5 लीटर से ज्यादा ऑक्सीजन दी जा रही है।
छग के 16 जिलों में लॉकडाउन
छत्तीसगढ़ में कोरोना की दूसरी लहर दिन पर दिन खतरनाक होती जा रही है। रविवार को बिलासपुर, सरगुजा, गरियाबंद और जांजगीर-चाम्पा जिले में भी लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई। सरगुजा में 13 अप्रैल सुबह 6 बजे से 23 अप्रैल तक, बिलासपुर में 14 से 21 अप्रैल तक, गरियाबंद में 13 से 23 अप्रैल तक और जांजगीर-चाम्पा में 13 से 23 अप्रैल तक लॉकडाउन की घोषणा की गई है। 28 जिलों वाले छत्तीसगढ़ के अब 16 जिलों में अलग-अलग समय के लिए लॉकडाउन की घोषणा की जा चुकी है। राज्य में शनिवार को 14098 लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई। महामारी की शुरुआत के बाद से पहली बार एक दिन में इतने ज्यादा संक्रमितों की पहचान हुई है। पिछले 24 घंटे में 97 लोगों की मौत हुई। मौत के मामले में भी एक दिन में इतने लोगों ने जान गंवाई है। राज्य में एक्टिव केस यानी कोरोना का इलाज करा रहे मरीजों का आंकड़ा भी लगातार बढ़ रहा है। दूसरी लहर में राज्य में अब एक्टिव केस का आंकड़ा बढ़कर 85 हजार के पार पहुंच गया है।
97 मरीजों की मौत
स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि प्रदेश में 97 मरीजों की मौत हुई है। इनमें से 47 लोगों की मौत शुक्रवार-शनिवार की दरमियानी रात हुई और उनकी संख्या शुक्रवार रात जारी आंकड़ों में शामिल नहीं थी। मरने वालों में सर्वाधिक 42 मरीज रायपुर जिले के जबकि 23 मरीज दुर्ग और 14 राजनांदगांव जिले के हैं। प्रदेश में शनिवार को कोरोना के 50156 टेस्ट में से 14098 पॉजिटिव केस मिले यानी हर 100 टेस्ट में 28 से अधिक लोग महामारी से संक्रमित मिल रहे हैं।
मप्र में 75 प्रतिशत स्टाफ फिर से वर्क फ्रॉम होम
मप्र में कोरोना के हालात बिगडऩे का असर सरकारी तंत्र पर पडऩा शुरू हो गया है। राज्य शासन ने सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों की उपस्थिति सीमित कर दी है। सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में रविवार को आदेश जारी कर दिया है। इसके मुताबिक मंत्रालय व राज्य स्तरीय कार्यालयों में तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की उपस्थिति 25 प्रतिशत रोटेशन से होगी, जबकि प्रथम और द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों की उपस्थिति शत-प्रतिशत रहेगी। जिलों में इस संबंध में कलेक्टर निर्णय लेंगे। आदेश में कहा गया है कि कलेक्टर कोरोना कफ्र्यू (लॉकडाउन) क्षेत्र में जिला अथवा संभग स्तरीय कार्यालयों को पूरी तरह या आंशिक रूप से संचालित करने का निर्णय लेंगे। आदेश में यह भी कहा गया है कि अधिकारी और कर्मचारियों के लिए कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए मास्क का उपयोग, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन और अन्य सावधानियां रखने की जिम्मेदारी कार्यालय के प्रभारी अधिकारी की होगी। कोरोना की दूसरी लहर में मंत्रालय में अब तक 46 कर्मचारी संक्रमित मिल चुके हैं। जबकि कोरोना की पहली लहर में 126 कर्मचारी संक्रमित हुए थे।