नई दिल्ली : भाजपा ने शुक्रवार को कहा कि महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ गठबंधन टूटने के बाद केंद्र में इसका क्या प्रभाव होगा, इस बारे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अमेरिका की यात्रा से लौटने के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी।

पार्टी के प्रवक्ता पी. मुरलीधर राव ने यहां कहा, ‘महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों को लेकर प्रदेश में शिव सेना के साथ गठबंधन नहीं रहने के बाद की तार्किक परिणति क्या होगी, केंद्र में और केंद्र सरकार में उनकी भागीदारी का क्या होगा..क्योंकि प्रधानमंत्री अभी देश में नहीं है, बाहर गए हुए हैं, इसलिए इस बारे में मेरे लिए कुछ भी कहना उचित नहीं होगा।’ उन्होंने स्वीकार किया कि कांग्रेस को महाराष्ट्र की सत्ता से हटाने के लिए जिस गठबंधन की जरूरत थी उसके साथ न्याय नहीं हो सका।

सवालों के जवाब में उन्होंने कहा, ‘लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद देश में नई परिस्थिति बनी है और जनता केंद्र के अलावा राज्यों से भी कांग्रेस को हटाना चाहती है और महाराष्ट्र में ऐसा करने के लिए जैसे गठबंधन की जरूरत थी हम उसके अनुरूप न्याय नहीं कर पाए और सहयोगी दल (शिवसेना) को इसका आभास कराने में सफल नहीं हो पाए।’
उन्होंने कहा, भाजपा और शिव सेना के बीच 25 साल तक बहुत अच्छे से गठबंधन चला और प्रदेश नेतृत्व और राष्ट्रीय नेतृत्व ने इसे बनाए रखने के लिए पूरी जिम्मेदारी के साथ प्रयास किए। इसीलिए दोनों के बीच बातचीत को इतने लंबे समय तक चलाया गया। इतने दिनों के मित्र दल से अलग होना कोई सुखद अनुभव नहीं था।

शिवसेना के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री अनंत गीते ने गुरुवार को गठबंधन टूटने के समय दावा किया था कि केंद्र में यह गठबंधन बना रहेगा। गीते ने कहा था, ‘हमने एक गठबंधन के रूप में (चुनाव) लड़ा था। यह राजग का गठबंधन है। अत: हमें इसे लेकर कोई शिकायत नहीं है, हम राजग का हिस्सा हैं। जी हां, यह (गठबंधन) केंद्र में बना रहेगा।’ यह पूछे जाने पर कि क्या वह केन्द्रीय मंत्री पद से इस्तीफा देने की सोच रहे हैं, उनका जवाब था, ‘इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता। मैं राजग का हिस्सा हूं।’

उधर भाजपा प्रवक्ता ने कहा, शिव सेना के साथ मतभेदों के बने रहने के चलते गठबंधन को जारी रखना संभव नहीं था और यह बात शिव सेना को भी समझ आ रही थी। उन्होंने कहा कि इसके अलावा भाजपा अपने अन्य सहयोगी दलों की न्यूनतम आवश्यकताओं (उन्हें उनकी इच्छा के अनुरूप सीट देने) को पूरा करने में भी असहाय महसूस कर रही थी।

गठबंधन तोड़ने पर शिवसेना की ओर से भाजपा पर हो रहे प्रहारों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘कल तक हम साथ थे इसलिए मैं उनके बारे में अब दूसरे ढंग से बात नहीं कर सकता।’ शिव सेना से गठबंधन टूट जाने पर कांग्रेस से मुकाबला करने के लिए नए गठबंधन की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, हमने कभी सोचा नहीं था कि ऐसा हो जाएगा। हम कल तक बात कर रहे थे। अब अन्य दलों से गठबंधन का स्वरूप क्या होगा इसके बारे में जमीनी हकीकत को समझने वाले अपने नेताओं से विचार विमर्श करके तय किया जाएगा। हम जल्द ही बताएंगे कि कितनी सीटों पर भाजपा चुनाव लड़ेगी और कितनी सीटें अन्य दलों को दी जाएंगी।

सरकार बनाने लायक बहुमत नहीं मिलने की स्थिति के बारे में सवाल किए जाने पर राव ने कहा, ‘चुनाव के बाद क्या होगा, यह तब देखा जाएगा।’