
नासिक में 3 दिन भटकने के बाद भी कोरोना पेशेंट को नहीं मिला बेड, ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर निगम पहुंचा; समय पर इलाज नहीं मिलने से हुई मौत
महाराष्ट्र में कोरोना के बढ़ते मामलों ने स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की पोल खोल दी है। अस्पतालों में बेड की कमी के कारण कोरोना मरीजों को ऑक्सीजन और वेंटिलेटर के लिए एक से दूसरे अस्पताल में भटकना पड़ रहा है। नासिक में बुधवार को गंभीर रूप से बीमार एक कोरोना मरीज को जब बेड नहीं मिला तो वह ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर खुद ही नासिक नगर निगम के दफ्तर पहुंच गया।
मामले की जानकारी जैसे ही निगम के अधिकारियों को हुई उनके हाथ-पांव फूल गए। आनन-फानन में एम्बुलेंस बुलाकर मरीज को बिटको हॉस्पिटल के कोविड वार्ड में एडमिट करवाया गया। यहां इलाज के दौरान उसने गुरुवार को दम तोड़ दिया। जांच में सामने आया है कि यह मरीज तीन दिन पहले कोरोना पॉजिटिव था और लगातार उसकी हालत बिगड़ रही थी। घर वालों का कहना है कि कई हॉस्पिटल में जाने के बावजूद उसे बेड नहीं मिल रहा था, इसलिए मजबूरी में उसे यह कदम उठाना पड़ा।
स्थानीय पार्षद का भी बेड दिलाने का प्रयास विफल रहा
जांच में यह भी सामने आया है कि उसने स्थानीय पार्षद से भी बेड मुहैया करवाने की गुहार लगाई थी, लेकिन कई प्राइवेट हॉस्पिटल में प्रयास के बावजूद उसे बेड नहीं मिला। इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें शख्स नगर निगम के गेट पर बैठा हुआ नजर आ रहा है। उसके पास उसका एक रिश्तेदार खड़ा है और पास में एक ऑक्सीजन सिलेंडर रखा हुआ है।
उसने स्थानीय पार्षद से भी बेड मुहैया करवाने की गुहार लगाई थी, लेकिन कई प्राइवेट हॉस्पिटल में प्रयास के बावजूद उसे बेड नहीं मिला।
उसने स्थानीय पार्षद से भी बेड मुहैया करवाने की गुहार लगाई थी, लेकिन कई प्राइवेट हॉस्पिटल में प्रयास के बावजूद उसे बेड नहीं मिला।
पिछले 24 घंटों में मिले 3.5 हजार मरीज
38 वर्षीय मृतक नासिक के सिडको के कामटवाड़े इलाके का रहने वाला था। वह अपने पीछे इस दुनिया में पत्नी और दो बच्चों को छोड़ गया है। नासिक में कोरोना पीड़ितों का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है। पिछले 24 घंटों के दौरान शहर में 3 हजार 532 कोरोना पीड़ित मरीज मिले हैं, जबकि 23 मरीजों की मौत हुई है। इसी दौरान 2 हजार 641 मरीज स्वस्थ होकर घर चले गए है।
देवला तालुका में 10 दिनों का जनता कर्फ्यू
कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए आज से नासिक जिले के देवला तालुका में 10 दिवसीय सार्वजनिक कर्फ्यू घोषित किया गया है। इस कर्फ्यू के दौरान आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी दुकानें और प्रतिष्ठान पूरी तरह से बंद रहेंगे। इस दौरान किराने की दुकानों को बंद करने का भी निर्णय लिया गया है।