भोपाल । मध्य प्रदेश विधानसभा के चुनाव में कर्मचारियों ने कांग्रेस के पक्ष में मतदान किया। 230 विधानसभा क्षेत्र में से 199 सीटों पर कर्मचारियों ने कांग्रेस की प्रत्याशियों के पक्ष में अधिक मतदान किया। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने एक्स पर पोस्ट किया कि डाक मत पत्र के माध्यम से कांग्रेस को बढ़त मिली है। जबकि, इनमें से अधिकतर सीटों पर इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन की काउंटिंग में हमें मतदाताओं का पूर्ण विश्वास नहीं मिल सका। यह भी कहा जा सकता है कि जब तंत्र जीतता है तो जनता (यानी लोक) हार जाती है। उधर, राज्य सभा सदस्य विवेक तन्खा ने भी कहा कि इस समय तंत्र लोक पर हावी है। वहीं मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा, "कुछ विधायक मुझसे आज मिले और उन्होंने कहा कि उन्हें उनके गांव में ही 50 वोट मिले, तो ये कैसे हो सकता है..एग्जिट पोल तो माहौल बनाने के लिए था
दिग्विजय सिंह ने डाक मत पत्रों में कांग्रेस को मिले मतों के प्रपत्र के आधार पर कहा कि डाक मत पत्र के माध्यम से कांग्रेस को वोट देने वाले और हम पर विश्वास जताने वाले सभी मतदाताओं का धन्यवाद है। हमें अपने कार्यकर्ताओं पर गर्व है। सोचने की बात यह है कि जब जनता वही है तो वोटिंग का पैटर्न इतना कैसे बदल गया? उधर, 1,128 कर्मचारियों ने डाक मत पत्र के माध्यम से बुदनी में शिवराज सिंह चौहान के पक्ष में मतदान किया। छिंदवाड़ा विधानसभा में कमल नाथ को 2,473 कर्मचारियों के मत मिले। भोपाल के मध्य, नरेला, भोपाल उत्तर, गोविंदपुरा और हुजूर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के उम्मीदवारों को अधिक मत मिले हैं। भोपाल दक्षिण पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के उम्मीदवार पीसी शर्मा को 2,001 वोट मिले। जबकि, भाजपा के भगवान दास सबनानी को 1,510 मत मिले हैं। जबलपुर और ग्वालियर जिले में भी डाक मत पत्रों में कांग्रेस आगे रही। वहीं, इंदौर में देपालपुर को छोड़कर बाकी सभी सीटों पर कांग्रेस की तुलना में भाजपा को अधिक कर्मचारियों के मत मिले।