तय गति से तेज वाहन चलाने वालों की अब खैर नहीं है। परिवहन विभाग दुर्घटनाओं पर नियंत्रण के लिए तेज गति से वाहन चलाने वालों का चालान इंटरसेप्टर के माध्यम से करेगा। परिवहन विभाग को दो इंटरसेप्टर वाहन मिल गए हैं।
तय मानक से तेज वाहन चलाने और इससे होने वाली दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए शासन की तरफ से गोरखपुर मंडल को दो इंटरसेप्टर वाहन मिले हैं। ये अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस हैं। इस हाईटेक वाहन के रडार में आने वाली तेज रफ्तार गाड़ियों की तस्वीर खींच ली जाएगी। साथ ही उसके स्पीड का भी पता चल जाएगा। इससे उनका चालान आसानी से हो जाएगा। परिवहन विभाग इन वाहनों को हाईवे पर खड़ा कर कार्रवाई करेगा।
ऐसे काम करता है इंटरसेप्टर
इंटरसेप्टर वाहन को हाईवे के किनारे लगा दिया जाता है। कैमरे को सड़क की ओर कर दिया जाता है। इंटरसेप्टर पर लगा कैमरा 360 डिग्री के एंगल में घूम सकता है। इससे किसी भी वाहन की ओवरस्पीड को मापा जा सकता है। साथ ही वाहन के अंदर लगी मशीन और मॉनीटर पर तकनीकी कर्मी गति सीमा देखते हैं। गति सीमा अधिक पाए जाने पर उस मशीन से तत्काल चालान कट जाता है। इंटरसेप्टर वाहन का वीडियो भी बना लेता है।
संभागीय परिवहन अधिकारी प्रवर्तन संजय कुमार झा ने कहा कि ओवर स्पीड वाहन और दुर्घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए मंडल को दो इंटरसेप्टर वाहन मिल गए हैं। इन वाहनों को हाईवे पर खड़ा किया जाएगा, जो वाहनों को दुर्घटनाओं से बचाने के लिए ओवर स्पीड पर नजर रखेगी।