झारखंड से सटे दो राज्यों छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में भाजपा की जीत राज्य में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा के लिए सतर्क होने का संदेश लेकर आया है। मोर्चा ने अपनी राज्य में दमदार उपस्थिति कायम की है, जिसे बरकरार रखने के लिए अब ज्यादा जोर लगाना होगा। उल्लेखनीय है कि मोर्चा के मजबूत गढ़ में संताल परगना और कोल्हान प्रमंडल शामिल हैं। संताल परगना में विधानसभा की कुल 18 सीटें हैं, जिसमें सिर्फ चार सीटें भाजपा के पास हैं।

कोल्‍हान प्रमंडल में भी भाजपा की स्थिति विकट
कोल्हान प्रमंडल में स्थिति विकट है। यहां की 14 सीटों पर भाजपा का एक भी विधायक नहीं है। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा का यहां से खाता तक नहीं खुल पाया था। इसके ठीक विपरीत सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा की इन इलाकों में तगड़ी पकड़ है।

कांग्रेस-राजद के सहयोग से पिछले विधानसभा चुनाव में उसके प्रत्याशियों ने यहां से सर्वाधिक जीत हासिल करने में सफलता पाई। बदली राजनीतिक परिस्थितियों में भाजपा इन क्षेत्रों में सेंधमारी की भरसक कोशिश करेगी।

पीएम मोदी ने किया झारखंड का दौरा
भाजपा आलाकमान भी पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से निवृत्त होने के कारण नए सिरे से अब राज्य में केंद्रित करेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बीते 15 नवंबर को झारखंड का दौरा कर चुके हैं। उन्होंने जनजातीय गौरव दिवस के मौके पर भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली से विकसित भारत संकल्प यात्रा की शुरूआत की थी। कमजोर जनजातीय समूहों के लिए 24 हजार की योजना की लांचिंग के लिए भी इसी स्थल को चुना गया। जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए, वहां आदिवासी बहुल इलाकों में भाजपा की वापसी से यहां भी पार्टी भरसक कोशिश करेगी।

हेमंत सोरेन लगातार चला रहे अभियान
उपलब्धियां निचले स्तर तक पहुंचाने पर फोकस मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भाजपा से मिलने वाली चुनौतियों को लेकर सजग और सतर्क हैं। तभी तो बीते एक वर्ष के भीतर वे दो बार पूरे राज्य का दौरा कर चुके हैं।

आपकी योजना, आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम को लेकर फिलहाल वे हर जिले में जा रहे हैं। अपनी सभाओं में वे दो मोर्चे पर काम करते हैं। सरकार की उपलब्धियों का बखान करने के साथ वे राजनीतिक मोर्चे पर भी विरोधियों को घेरते हैं। आने वाले दिनों में यह क्रम और तेज होगा।

सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा के रणनीतिकार भी इस मुहिम में लगे हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हाल ही में मोर्चा के केंद्रीय महाधिवेशन में टास्क सौंपे थे। वे आनलाइन भी जिला और प्रखंड कमेटियों से संपर्क करते हैं और फीडबैक लेते हैं।

उन्होंने कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया है कि राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने में लोगों की मदद करें। मोर्चा का सदस्यता अभियान भी तेज करने को कहा गया है। वैसे हेमंत सरकार की सक्रियता का लाभ निचले स्तर पर दिखने लगा है।