इधर कई दिनों से हो रही वर्षा शनिवार से थम गई है। घिरे बादल अब छंटेंगे, आकाश में कोहरा और घना होगा। बादलों के छंटते ही आसमान साफ होगा और गलन बढ़ सकती है। पश्चिम से आ रही ठंडी हवा इसमें सहायक होगी।
पश्चिमी विक्षोभ के चलते चक्रवाती हवा से दो दिनों तक रुक-रुक कर हुई वर्षा ने मौसम में सर्द प्रभाव बढ़ा दिया है। बादलों के होने से अभी ठंड का प्रभाव कम रहा, शनिवार को दोपहर बाद बादलों से छनकर हल्की धूप आई तो सुबह घने कोहरे का रूप देखते हुए पहने गए गर्म कपड़े कुछ भारी लगने लगे।
नतीजा, अधिकतम तापमान सामान्य से दो डिग्री अधिक 28.2 डिग्री सेल्सियस रहा तो न्यूनतम तापमान सामान्य से छह डिग्री अधिक 17.2 सेल्सियस हो गया। अब जबकि शनिवार से बादल छंटने लगे हैं तो काफी संभावना है कि रविवार की सुबह से आसमान में कोहरे का घनत्व और बढ़ जाएगा।
ठंडी हवाएं बढ़ाएंगी सर्दी का प्रभाव
बादल छंटे तो पश्चिम से पहाड़ों की ओर से आ रही ठंडी हवाएं तापमान गिराएंगी और सर्दी का प्रभाव बढ़ जाएगा। बीएचयू के पूर्व प्रोफेसर मौसम विज्ञानी डा. एसएन पांडेय बताते हैं कि अभी इस गुजरे पश्चिमी विक्षोभ के पीछे एक और विक्षोभ है।
हालांकि, यह अभी हमसे दूर 62 अंश अक्षांश और 30 अंश देशांतर पर है, इसे यहां तक पहुंचने में दो दिन का समय लग सकता है या फिर यह कमजोर पड़ा तो भी इसके प्रभाव से पंजाब, हरियाणा, दिल्ली में बर्फ पड़ सकती है। तब भी इसके प्रभाव से हवा में ठंड और बढ़ जाएगी।