नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी ‘स्वच्छ भारत’ परियोजना को आगे बढ़ाते हुए सरकार ने आज खुले में शौच के चलन को समाप्त करने और देशभर में घरों में और सामुदायिक शौचालय बनाने के पांच वर्षीय कार्यक्रम को आज मंजूरी प्रदान की। इसके अलावा और भी कई अहम फैसलों को मोदी कैबिनेट ने अपनी हरी झंडी दिखाई जिसमें उच्च शिक्षा और शोध विधेयक, 2011 को वापस लेने का फैसला भी शामिल है।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने स्वच्छ गंगा कोष की स्थापना पर भी मुहर लगाई जिसमें नागरिक, एनआरआई और भारतीय मूल के लोग गंगा के संरक्षण के लिए स्वैच्छिक दान देंगे। स्वच्छ भारत मिशन के तहत शहरों में इसे 2 अक्तूबर, 2014 से शुरू करके 5 साल में लागू किया जाना है। कार्यक्रम पर कुल 62,009 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है जिसमें से प्रस्तावित केंद्रीय सहायता 14,623 करोड़ रुपये की होगी। कैबिनेट ने ‘निर्मल भारत अभियान’ को नये रूप में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) में समाहित करने पर मुहर लगाई। सामुदायिक शौचालय ऐसे आवासीय इलाकों में बनाये जाने प्रस्तावित हैं जहां व्यक्तिगत शौचालय बनाना मुश्किल है। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कैबिनेट की बैठक के बाद कहा कि इस योजना के दायरे में 1.04 करोड़ परिवार आएंगे।

उच्च शिक्षा, शोध पर विधेयक वापस
सरकार ने एक विवादास्पद विधेयक वापस लेने का फैसला किया जिसमें यूजीसी, एआईसीटीई और एनसीटीई जैसे मौजूदा नियामक संस्थाओं को मिलाकर व्यापक संस्था तैयार करने का प्रावधान था। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि विधेयक के विभिन्न प्रावधानों को लेकर संसदीय समिति की आपत्तियों को ध्यान में रखते हुए यह फैसला किया गया है। उच्च शिक्षा और शोध विधेयक, 2011 उच्च शिक्षा और शोध के लिए एक राष्ट्रीय आयोग की स्थापना की प्रावधान करता है। इसके जरिए उच्च शिक्षा और शोध के मानकों के निर्धारण, समन्वय, बनाए रखने और इसे बढ़ावा देने के अलावा कृषि शिक्षा और चिकित्सा शिक्षा के लिए न्यूनतम मानक तय करना है।

अमेरिका से होने वाले करारों को दी मंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच शिक्षा, पर्यावरण, गैस और अंतरिक्ष विज्ञान समेत कई क्षेत्रों में छह एमओयू पर दस्तखत होने के लिए आज अपनी मंजूरी दी। कैबिनेट की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भारत अमेरिका के साथ अच्छे रिश्तों के पक्ष में है और आज लिये गये निर्णय इसी दिशा में संकेत हैं। विज्ञप्ति के अनुसार, ‘प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने आज भारत के मानव संसाधन विकास मंत्रालय और अमेरिका के नेशनल साइंस फाउंडेशन के बीच एक नये कार्यक्रम की पहल के लिए संयुक्त घोषणापत्र पर दस्तखत होने की मंजूरी दी।’ कैबिनेट ने एक अन्य फैसले में दोनों देशों के बीच पांच साल के लिए गैस हाइड्रेटों में सहयोग के लिए करार को मंजूरी दी।

इसरो वैज्ञानिकों की प्रशंसा का प्रस्ताव पारित
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगल मिशन की सफलता पर इसरो के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के प्रयासों की सराहना करते हुए सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘कैबिनेट ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया जिसमें पहले प्रयास में भारत को सफलता दिलाकर हमें गौरवान्तिव कराने वाले भारत के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के अत्यधिक प्रयासों की गर्मजोशी से सराहना और प्रशंसा की गयी है।’ उन्होंने कहा, ‘यह गर्व का विषय है और वैभवपूर्ण क्षण है तथा कैबिनेट इसकी प्रशंसा करती है।’