रांची। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने नक्सलियों से हिंसा का रास्ता छोड़ने का आह्वान करते हुए कहा कि सरकार उनसे बातचीत करने को तैयार है। राजनाथ सिंह ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और वरिष्ठ प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों के साथ नक्सली समस्या की स्थिति की समीक्षा करने के बाद आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि माओवादी हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्य धारा में शामिल होकर महान भारत बनाने में सहयोग करें।

राजनाथ सिंह ने कहा कि जिस देश में तानाशाही रहती है वहां हिंसा के माध्यम से सत्ता का परिवर्तन होता है। लेकिन लोकतंत्र में सत्ता परिवर्तन में हिंसा का कोई स्थान नहीं है। लोकतंत्र में एक वोट से ताकतवर सत्ता भी बदल जाती है। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी संभालने के बाद उन्होंने माओवादियों से मुकाबला करने का निर्णय लिया है।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि मंत्रालय की जिम्मेदारी संभालने के बाद उन्होंने माओवादी प्रभावित राज्यों में जाने का निश्चय किया और माओवादियों से निपटने दिलाने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि इसी कड़ी में वह झारखंड आए हैं। झारखंड सरकार माओवादियों से निजात दिलाने के लिए प्रयत्न कर रही है और इसमें और भी गति लाई जाने की आवश्यकता है।

राजनाथ सिंह ने कहा इसके लिए राज्य सरकार को जिस प्रकार के सहयोग की आवश्यकता है, उसे केंद्र सरकार उपलब्ध कराएगी। राज्य सरकार ने अपनी कठिनाई से अवगत कराया है और हमने इसे संज्ञान में लिया है। उन्होंने आज राज्य के सारंडा के जंगल में स्थित केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल के थालकोबा कैंप का दौरा किया और बल के जवान किस परिस्थिति में रहते है इसे जानने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल के जवानों ने स्थानीय जनता के बीच बेहतर छवि बनाई है।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि वह माओवादियों और स्थानीय लोगों के भेद को समझे। बल के जवान स्थानीय लोगों से अच्छे रिश्ते बनाकर चल रहे है। सारंडा को एक समय माओवादी यह मानकर चल रहे थे कि यह आजाद हो चुका है लेकिन आज वह स्थिति नहीं है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार माओवादी समस्या का जल्द समाधान चाहती है। लेकिन हिंसा का मार्ग नहीं अपनाना चाहती है और वह किसी को हिंसा की इजाजत भी नहीं देगी। उन्होंने कहा कि थालकोबा का रास्ता अच्छा नहीं था इसलिए वह स्वयं मोटरसाईकिल चलाकर वहां तक गए। झारखंड में अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती है और अवश्यकता पड़ने पर यहां और भी अर्द्धसैनिक बल तैनात किए जाएंगे।

राष्ट्रीय स्तर की निशानेबाज तारा शाहदेव मामले की जांच अभी तक केंद्रीय जांच ब्यूरों द्वारा शुरू नहीं किए जाने के संबंध में पूछे जाने पर राजनाथ सिंह ने कहा कि सीबीआई एक स्वायत्त संस्था है और वह अपना निर्णय स्वयं लेती है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन राज्य सरकार के वरिष्ठ पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी तथा केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। इससे पहले थालकोबा में राजनाथ सिंह ने घोषणा की कि जिस प्रकार दुर्गम क्षेत्र में तैनात सैन्यकर्मियों को दुर्गम क्षेत्र भत्ते मिलते है। उसी प्रकार के भत्ते दुर्गम क्षेत्रों में तैनात केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल सीआरपीएफ के जवानों को भी दिए जाएंगे।