बेंगलूर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के सामने नई मिसाल कायम करने जा रहे हैं। दो अक्टूबर यानी गांधी जयंती के दिन 'स्वच्छ भारत' अभियान शुरू करने जा रहे प्रधानमंत्री मोदी इस दिन खुद झाड़ू लेकर निकलेंगे। प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार कर्नाटक पहुंचे मोदी ने मंगलवार को खुद यह एलान किया। अभियान की कामयाबी के लिए नागरिकों से हफ्ते में दो घंटे देने का आह्वान करते हुए मोदी ने कहा कि देश की समृद्धि के लिए सफाई बहुत जरूरी है।

प्रधानमंत्री ने भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए लोकसभा चुनावों में मिली जीत के लिए जनता का आभार जताया और कांग्रेस नीत पूर्ववर्ती संप्रग सरकार पर इशारों-इशारों में तंज भी कसा। उन्होंने कहा कि पहले जनता ने सफाई की और अब हम सफाई कर रहे हैं। प्रधानमंत्री के मुताबिक माताओं-बहनों के लिए शौचालय नहीं हैं। कई स्कूल ऐसे हैं जहां बच्चियों के लिए टॉयलेट नहीं हैं। उन्होंने कहा, अभी उनकी सरकार को आए बहुत कम दिन हुए हैं। अभी मुझे बहुत छोटे-छोटे काम करने हैं।

मोदी के अनुसार उनकी सरकार ने गरीबों की भलाई के लिए जन-धन जैसी योजना शुरू की है। गरीबों ने इस योजना में अब तक 1500 करोड़ रुपये जमा कराए हैं। सभी खाताधारकों को एक लाख रुपये का दुर्घटना बीमा दिया जाएगा। प्रधानमंत्री ने योजना को शुरू करने की वजह भी बताई और सवाल किया, क्या यह बैंक सिर्फ अमीरों के लिए हैं? बैंक को गरीबों का नहीं होना चाहिए? तब हमने यह योजना बनाई प्रधानमंत्री जन-धन योजना। इस योजना से गरीबों को लाभ मिला। जीरो बैलेंस पर हमने खाते खोले। 4 करोड़ लोगों को इससे लाभ हुआ है।

मोदी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने गरीबों के लिए बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया था। उन्होंने कहा था कि बैंक गरीबों का है और उनकी मदद करेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। प्रधानमंत्री ने कहा कि तमाम गरीब अभी भी सूदखोरों के पास जाने को मजबूर हैं। वे कर्ज अदा करने की स्थिति में भी नहीं हैं।

प्रधानमंत्री ने अनुपयोगी हो चुके कानूनों को खत्म किए जाने का एलान करते हुए कहा, हमारे देश में कानूनों का जंगल बन गया है। इतने कानून बन गए हैं जिनकी कोई उपयोगिता नहीं है। इसलिए ऐसे कानूनों को खत्म किया जाएगा। मोदी ने कहा, मैंने एक समिति बनाई है, जो ऐसे कानूनों को खत्म करेगी जो सरकार की गतिशीलता को प्रभावित करते हैं।