उत्तरकाशी। यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिलक्यारा से डंडालगांव के बीच निर्माणाधीन सुरंग में हुए हादसे में अभी तक कहा जा रहा था कि तकरीबन 40 मजदूर फंसे हैं, लेकिन अब खबर आ रही है कि फंसे हुए मजदूरों की संख्या 40 नहीं बल्कि 41 है। इसे कंपनी की एक और लापरवाही माना जा रहा है। बहरहाल मजदूरों को बचाने रेस्क्यू ऑपरेशन का आज सातवां दिन है और इसमें मशीनों के खराब होने से लेकर अन्य दिक्कतें सामने आ रही हैं।
हाल ही में जानकारी हासिल हुई है कि उत्तरकाशी सिलक्या सुरंग में फंसे मजदूरों की संख्या 40 नहीं 41है। इसे लोगों ने कंपनी की लापरवाही का एक और नमूना बताया है। लोगों का कहना है कि सात दिन बाद इस बात की जानकारी मिल रही है कि सुरंग में 40 नहीं 41 मजदूर फंसे हुए हैं। एक और श्रमिक की पहचान बिहार मुजफ्फरपुर के गिजास टोला निवासी दीपक कुमार के तौर पर हुई है। इस संबंध में जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला का कहना है कि 41वें श्रमिक का नाम सूची में सामने आया है| इससे एनएचआइडीसीएल और निर्माण कंपनी नवयुग कंस्ट्रक्शन की लापरवाही का पता चला है। बहरहाल सिलक्यारा सुरंग में पिछले सात दिन से बचाव अभियान चलाया जा रहा है। सुरंग में 24 मीटर तक ड्रिल के बाद काम अनेक कारणों से रोका गया है।
एनएचआईडीसीएल यानी राष्ट्रीय राजमार्ग और अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड ने अपनी ओर से विज्ञप्ती जारी कर बताया है, कि ड्रिलिंग का काम कर रही अमेरिकी ऑगर मशीन की बेरिंग में खराबी आने से काम रुक गया है। वहीं, अधिकारियों ने बताया कि मशीन चलने से जमीन हो रहे कंपन के कारण सतह का संतुलन बिगड़ रहा है| इससे मलबा गिरने का खतरा भी है| इसी वजह से बीच में ही ड्रिलिंग का काम रोकने का निर्णय लिया गया।
सुरंग में 40 नहीं 41 श्रमिक हैं फंसे, कंपनी की एक और बड़ी लापरवाही
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