भोपाल। मंत्रालय को पेपरलेस बनाने की तैयारी की जा रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने सचिवालय के अफसरों को ई-फाइलिंग सिस्टम बनाने के निर्देश दिए हैं। इसकी शुरुआत मंत्रालय के छोटे विभागों जैसे धर्मस्व, संस्कृति, मछली पालन जैसे विभागों से होगी, इसकी जिम्मेदारी आईटी विभाग को दी गई है।
ई-फाइलिंग सिस्टम से मंत्रालय की सारी फाइलें बाबू से लेकर मुख्य सचिव तक कम्प्यूटर पर ही चलेंगी। इसमें कुछ ज्यादा वक्त लग सकता है, कारण कि नीचे से फाइल और नोटशीट बनाकर सीधे कम्प्यूटर से ट्रांसफर करने के लिए मंत्रालय के बाबू, अधीक्षक, अवर सचिव, उप सचिव और सचिव स्तर के अधिकारियों को प्रशिक्षित करना होगा। इसलिए मुख्यमंत्री ने ई-फाइलिंग सिस्टम को पहले छोटे विभागों में लागू करने को कहा है।
उसके सफल होते ही इसे बडे़ विभागों में लागू कर पूरे मंत्रालय को पेपरलेस बना दिया जाएगा। वर्तमान में आईटी विभाग में ई-ऑफिस सिस्टम पर काम हो रहा है। इसके चलते आईटी में मैन्यूअल फाइल की जगह कम्प्यूटर पर एक-दूसरे को फाइलें ट्रांसफर की जा रही हैं। यहां तक कि सरकार की हरे रंग की नोटशीट को भी कम्प्यूटर पर ही चलाया जा रहा है। हालांकि इस ई-ऑफिस सिस्टम का उपयोग आईटी विभाग के अंदरूनी कामों के लिए ही किया जा रहा है।
ई-कैबिनेट की भी तैयारी
आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू द्वारा 15 सितंबर को देश की पहली ई-कैबिनेट किए जाने के बाद मप्र सरकार भी अपने यहां ई-कैबिनेट करने पर विचार कर रही है। सरकार के सामने परेशानी यह है कि मंत्रिमंडल के कुछ मंत्रियों को कम्प्यूटर चलाना नहीं आता है। ऐसे में उन्हें टैब पर कैबिनेट का एजेंडा पढ़वाना थोड़ा परेशानी भरा है।सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री ने मंत्रियों सहित विधायकों को कम्प्यूटर की ट्रेनिंग देने की बात भी कही है।