इंदौर. देश में सबसे ज्यादा पसंद किए गए इंदौर के सांसद शंकर लालवानी नगरीय निकाय चुनाव से पहले अपने सियासी जन्मदिन पर सवालों के घेरे में आ गए हैं. सरकारी कागजों में उनका जन्मदिन 16 अक्टूबर लिखा हुआ है. यहां तक कि लोकसभा की वेबसाइट पर भी उनका जन्म 16 अक्टूबर को ही दर्शाया गया है, लेकिन सांसद ने नाम के आगे 'शंकर' लगा होने की वजह से अपना जन्मदिन महाशिवरात्रि के दिन ही मना लिया. इसके बाद कांग्रेस ने उनका पैन कार्ड जारी करते हुए उनकी असलियत बता दी.
सांसद शंकर लालवानी ने अपना जन्मदिन नगरीय निकाय चुनाव की आचार संहिता लगने से पहले ही महाशिवरात्रि को बड़े ही धूमधाम से मना लिया. इस दौरान इंदौर के बीजेपी के नेताओं के साथ ही कई हस्तियां उनको जन्मदिन की बधाई देने पहुंची. सांसद के समर्थकों ने तो ड्राय फ्रूट्स से तौलकर उनका सम्मान भी किया. इस दौरान उनके सरकारी कार्यालय पलासिया पर बड़े जलसे का आयोजन किया गया. यहां नाश्ते से लेकर भोजन तक की व्यवस्था की गई.
कांग्रेस ने जनता को दिखा दिया सांसद का पैन कार्ड
लेकिन, कांग्रेस को ये सब रास नहीं आया. उसने पैन कार्ड जारी कर शंकर लालवानी की असलियत खोल दी. दरअसल उनके पैन कार्ड समेत सभी सरकारी दस्तावेजों में जन्मतिथि 16 अक्टूबर 1961 लिखी है. लेकिन, शंकर नाम के चलते लोकप्रियता बटोरने के लिए वो अपना जन्मदिन महाशिवरात्रि को मनाने लगे. लोगों को भी ये बात पता नहीं थी. लेकिन, जब असलियत सामने आई तो लोग भी सवाल खड़े करने लगे. जब असली जन्मदिन 16 अक्टूबर को है तो महाशिवरात्रि को मनाने की क्या तुक है.
चुनाव आयोग जाएगी कांग्रेस
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अमीनुल खान सूरी का कहना है कि सांसद और फर्जीवाडे़ का चोली दामन का साथ है. संसद में सिंधी राज्य की मांग करके मुकर जाते हैं. अभी पैन कार्ड में अलग जन्मतिथि है सरकारी कागजों मे अलग तारीख है और जन्मदिन अलग तारीख को मनाते हैं. कांग्रेस इस मामले को चुनाव आयोग तक ले जाएगी और सांसद शंकर लालवानी सदस्यता खत्म करने की मांग करेगी.
भोलेनाथ के नाम पर लोकप्रियता बटोरने की कोशिश
महाशिवरात्रि के दिन न केवल अपने सरकारी कार्यालय पर बल्कि शहर के अलग-अलग स्थानों पर सांसद शंकर लालवानी ने केक काटा और जन्मदिन मनाया. लोगों ने उन्हें तोहफे भी दिए. मीडिया ने सांसद शंकर लालवानी से सवाल किया तो वे गोलमोल जबाव देते नजर आए. उन्होंने स्वीकार किया कि दस्तावेजों में जो जन्मतिथि है वो तो सही है लेकिन शिवरात्रि पर शिवजी का कार्यक्रम होता है और चूंकि नाम शंकर है इसलिए बचपन से ही घर में शिवरात्रि पर कार्यक्रम होते आए हैं. समर्थक भी शिवजी की बारात निकालते हैं इसलिए मेरा जन्मदिन भी मना लेते हैं. शंकर नाम की वजह से सेलिब्रेशन होता है.