मुंबई । सरकार ने दूरसंचार लाइसेंस नियमों में संशोधन किया। इससे वह बिना भरोसे वाले स्रोतों से नेटवर्क उपकरण लगाए जाने के मामले में नियंत्रण रख सकेगी। लाइसेंस में किए गए संशोधन के अनुसार, 15 जून से टेलिकॉम ऑपरेटर्स भरोसेमंद सोर्स से ही टेलिकॉम उपकरणों की खरीद कर सकेंगे। ये भरोसेमंद सोर्स संबंधित प्राधिकरण द्वारा मंजूरी प्राप्त होंगे। मौजूदा नेटवर्क को उन्नत बनाने, भरोसेमंद उपकरण के रूप में सूचीबद्ध नहीं हो रखे दूरसंचार उपकरण के इस्तेमाल को लेकर राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा समन्वयक (एनसीएससी) से मंजूरी लेने की जरूरत होगी। एनसीएससी विशेष प्राधिकरण होगा, जो देश की रक्षा या राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामले के आधार पर दूरसंचार उपकरण की खरीद के लिए कोई शर्त लागू कर सकता है। एनसीएससी ऐसे स्रोतों की सूची अधिसूचित कर सकता है, जिससे खरीद नहीं की जा सकेगी। सरकार का यह कदम हुवावे और जेडटीई जैसे टॉप चाइनीज वेंडर्स का भारत के टेलिकॉम सेक्टर में कारोबार प्रभावित करेगा। संशोधित अधिसूचना में कहा गया है। हालांकि ये निर्देश जारी सालाना रखरखाव कॉन्ट्रैक्ट या मौजूदा उपकरणों को अपडेट करने को लेकर जारी काम पर लागू नहीं होंगे। हालांकि सरकार ने चीनी कंपनियों से उत्पादों की खरीद पर पाबंदी नहीं लगाई है, लेकिन उसने सामान्य वित्तीय नियम (जीएफआर) 2017 में संशोधन किया है ताकि सार्वजनिक खरीद में बोलीदाताओं पर भारत की रक्षा या राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर उन देशों से खरीद को लेकर पाबंदी लगाई जा सके, जिनकी सीमाएं भारत से मिलती हैं।